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'बेंगलुरु जा रहे हैं, तो कन्नड़ सीखें, मुंबई जा रहे हैं, तो मराठी सीखें' Zoho के फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने राष्ट्रवाद की भावना को जगाने पर दिया जोर

वेम्बू ने कहा, "हमें, खासकर हमारे शिक्षित वर्ग में, यह भावना पैदा करनी होगी कि हम इस देश के हैं। यह देशभक्ति की भावना जरूरी है। इस भावना के बिना विकास का कोई मतलब नहीं है।" उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वैश्वीकरण के कारण कई शहर में रहने वाले भारतीय खुद को अपनी जड़ों से अलग होकर "वैश्विक नागरिक" के रूप में देखने लगे हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 13, 2025 पर 9:12 PM
'बेंगलुरु जा रहे हैं, तो कन्नड़ सीखें, मुंबई जा रहे हैं, तो मराठी सीखें' Zoho के फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने राष्ट्रवाद की भावना को जगाने पर दिया जोर
Zoho के फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने राष्ट्रवाद की भावना को जगाने पर दिया जोर

Zoho के फाउंडर और चीफ साइंटिस्ट श्रीधर वेम्बू ने कहा कि भारत के पढ़े लिखे वर्ग को देश के प्रति अपने लगाव और जिम्मेदारी की भावना फिर से जगानी चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सच्चे राष्ट्रवाद के रूप में अपनी स्थानीय भाषाओं और क्षेत्रीय पहचान को अपनाएं। उन्होंने कहा कि भारत का विकास सिर्फ आर्थिक प्रगति पर नहीं, बल्कि देशभक्ति की भावना पर भी निर्भर करता है।

वेम्बू ने कहा, "हमें, खासकर हमारे शिक्षित वर्ग में, यह भावना पैदा करनी होगी कि हम इस देश के हैं। यह देशभक्ति की भावना जरूरी है। इस भावना के बिना विकास का कोई मतलब नहीं है।" उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वैश्वीकरण के कारण कई शहर में रहने वाले भारतीय खुद को अपनी जड़ों से अलग होकर "वैश्विक नागरिक" के रूप में देखने लगे हैं।

उन्होंने सांस्कृतिक और भाषाई गौरव को फिर से जिंदा करने की मांग की और लोगों से आग्रह किया कि वे राज्यों के बीच आते-जाते वक्त क्षेत्रीय भाषाएं सीखें और उनका इस्तेमाल करें।

उन्होंने कहा, "तमिलनाडु में, मैं जितना हो सके तमिल बोलता हूं। और मैं लोगों से कहता हूं, अगर आप बेंगलुरु जा रहे हैं, तो कन्नड़ सीखें। अगर आप मुंबई जा रहे हैं, तो मराठी सीखें। हमारी सभी भाषाएं महत्वपूर्ण हैं।"

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