भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) देशभर में मौसम की निगरानी और पूर्वानुमान का जिम्मा संभालता है। जब भी मौसम में कोई बड़ा बदलाव आने वाला होता है—जैसे भारी बारिश, चक्रवात, गर्मी की लहर या बर्फबारी—तो IMD समय रहते लोगों को सतर्क करने के लिए कलर कोडेड अलर्ट सिस्टम का इस्तेमाल करता है। ये रंग केवल दिखावे के लिए नहीं होते, बल्कि हर रंग एक अलग स्तर की चेतावनी और उससे जुड़ी तैयारी को दर्शाता है। हरा, पीला, नारंगी और लाल—इन चार रंगों के जरिए विभाग यह बताता है कि स्थिति सामान्य है, थोड़ा सतर्क रहना चाहिए या फिर गंभीर खतरे की आशंका है।
आम लोगों से लेकर प्रशासन तक, सभी को इन रंगों का मतलब पता होना चाहिए ताकि समय रहते जरूरी कदम उठाए जा सकें और जान-माल की हानि को टाला जा सके। आइए समझते हैं कि IMD के इन रंगों का क्या मतलब होता है।
जब मौसम सामान्य होता है और किसी भी खतरे की संभावना नहीं होती, तब IMD हरे रंग का अलर्ट देता है। इसका मतलब होता है कि घबराने की कोई बात नहीं है। आप अपने रोजमर्रा के काम आराम से कर सकते हैं।
ये कोड बताता है कि मौसम थोड़ा बिगड़ सकता है। हल्की बारिश, धुंध या हल्की आंधी की संभावना रहती है। ऐसे में आपको सावधानी रखनी चाहिए, मौसम अपडेट्स पर नजर रखनी चाहिए और जरूरी काम पहले निपटा लेने चाहिए।
नारंगी रंग की चेतावनी गंभीर होती है। इसका मतलब है कि मौसम ज्यादा बिगड़ सकता है जैसे तेज बारिश, तूफान या बिजली गिरने की आशंका। इस स्थिति में बाहर निकलने से बचें, घर में जरूरी सामान रखें और आपात स्थिति के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें।
लाल कोड सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। इसका मतलब है कि मौसम से जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता है जैसे बाढ़, भारी तूफान या तेज हवाएं। जब ये अलर्ट आए तो तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाएं, सरकार और आपदा विभाग की बात मानें और घर से बाहर बिल्कुल न निकलें।