आज के समय में आम आदमी के लिए पढ़ाई और इलाज दो सबसे बड़ी चुनौतियां बन चुकी हैं। खासकर मिडिल क्लास परिवारों के लिए बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाना अब किसी जंग से कम नहीं है। नौकरीपेशा व्यक्ति की पूरी सैलरी सिर्फ बच्चों की फीस, किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य जरूरी चीजों में ही खत्म हो जाती है। जिनकी आमदनी थोड़ी कम है, उनके लिए प्राइवेट स्कूल बस एक सपना बनकर रह गए हैं। फीस तो लाखों में है ही, ऊपर से हर साल किताबें, ड्रेस और बैग के नाम पर अलग से खर्चा।
कई स्कूल तो खुद का पब्लिकेशन थोपकर महंगी किताबें बेचते हैं, जिससे पैरेंट्स की परेशानी और बढ़ जाती है। शिक्षा अब बच्चों का भविष्य बनाने की जगह, माता-पिता की जेब हल्की करने का ज़रिया बनती जा रही है। सवाल यही है—क्या पढ़ाई अब सिर्फ अमीरों का हक बनकर रह गई है?
महंगाई, फीस और किताबों का खर्च
एक तरफ रोजमर्रा की चीजों की कीमतें बढ़ती जा रही हैं, दूसरी ओर प्राइवेट स्कूलों ने किताबों और अन्य जरूरी सामान के नाम पर जमकर वसूली शुरू कर दी है। अब बच्चों की किताबें सुनने में कम और चांदी के गहनों जैसी लगती हैं। एक पिता ने सोशल मीडिया पर इसी दर्द को बयां किया और अब वो वीडियो वायरल हो चुका है।
“क्या ये किताबें ज्ञान देती हैं या जादू करती हैं?”
वीडियो में एक व्यक्ति ने बताया कि उसने अपने बच्चे के लिए पांचवी कक्षा की किताबें खरीदी हैं, जिनकी कीमत 6905 रुपये है। वो व्यंग्य में कहता है—"शायद इन किताबों पर चांदी की परत चढ़ी है या फिर ये कोई जादुई किताबें हैं, जो छूते ही ज्ञान ट्रांसफर कर देती हैं।" जब ऐसा कुछ भी नहीं निकला तो उसने सीधे सवाल दागा—"फिर इनका दाम इतना क्यों है?"
नई शिक्षा नीति का क्या हुआ?
वीडियो में शख्स ने शिक्षा प्रणाली पर भी निशाना साधा। उसने पूछा कि जब सरकार ‘एक देश, एक पाठ्यक्रम, एक पब्लिकेशन’ की बात कर रही है, तो फिर हर स्कूल अलग-अलग और महंगी किताबें क्यों बेच रहा है? ये किताबें बच्चों की पीठ और माता-पिता की जेब दोनों पर भारी हैं।
जब किताबों के दाम सुनकर उड़े लोगों के होश
इस वीडियो को X (ट्विटर) पर @common000786Om नाम के यूजर बिट्टू शर्मा ने शेयर किया। लाखों लोगों ने वीडियो देखा और हजारों ने उसे लाइक किया। प्रतिक्रियाएं भी जबरदस्त आईं। किसी ने कहा, “हर साल लाखों खर्च करने पड़ते हैं बच्चों की पढ़ाई में।” किसी और ने लिखा, “मैंने बेटे की किताबें खरीदीं, कीमत सुनकर लगा जैसे ज्वेलरी शॉप से आया हूं।”