मुजफ्फरनगर के बरला-बसेड़ा मार्ग पर मंगलवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जहां मेरठ से लौट रही स्विफ्ट कार आगे चल रही ट्रैक्टर-ट्रॉली से टकरा गई। इस भीषण टक्कर में कार में सवार 39 वर्षीय खुशनुमा, उनकी 15 वर्षीय बेटी साजिदा, डेढ़ वर्षीय नाती तूबा और तीन वर्षीय मीरहा की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में कार सवार चार अन्य लोग – जुनैद, शादाब, जाहिद और अरहान गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया। यह परिवार ईद मिलन के बाद सहारनपुर से लौट रहा था।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली का चालक फरार हो गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, जबकि मौत की खबर से परिवार में कोहराम मच गया। यह हादसा सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है
ईद मिलन से लौटते वक्त हादसा
मेरठ के मेडिकल थाना क्षेत्र के कमालपुर गांव निवासी जुनैद अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ सहारनपुर के गोपाली गांव में ईद मिलन के लिए गए थे। खुशी-खुशी त्योहार मनाने के बाद जब वे स्विफ्ट कार से घर लौट रहे थे, तभी छपार के पास तलहैड़ा चौराहे पर उनकी गाड़ी ट्रैक्टर-ट्रॉली से टकरा गई।
हादसे में 39 वर्षीय खुशनुमा (जुनैद की पत्नी), 15 वर्षीय बेटी साजिदा, डेढ़ वर्षीय नाती तूबा और तीन वर्षीय मीरहा (बिलाल की बेटी) की मौके पर ही मौत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और अंदर बैठे लोग उसमें फंस गए।
चार लोग गंभीर रूप से घायल
इस हादसे में 42 वर्षीय जुनैद, उनका बेटा शादाब, जाहिद और अरहान (निवासी खत्ता रोड, ब्रह्मपुरी) गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी को तुरंत उपचार के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
मौत की खबर से घर में मचा कोहराम
हादसे की सूचना मिलते ही परिवार में मातम छा गया। देर रात परिजन रोते-बिलखते मुजफ्फरनगर पहुंचे। पुलिस ने घटना की जानकारी परिवार को दे दी है और मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, हादसे के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली का चालक फरार हो गया, जिसकी तलाश की जा रही है।
नाना-नानी संग भेजे गए मासूम, वापस लौटे शव
इस हादसे की सबसे दर्दनाक सच्चाई ये है कि जुनैद हाल ही में सऊदी अरब से लौटा था। उसकी बेटी निगारिश और दामाद बिलाल बाइक से देवबंद गए थे, जबकि अपने दो मासूम बच्चों – तूबा और मीरहा – को नाना-नानी के साथ कार में भेज दिया था। लेकिन किसी को क्या पता था कि ये सफर उनके लिए आखिरी साबित होगा।
सड़क सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
ये घटना एक बार फिर से सड़क सुरक्षा की लचर स्थिति को उजागर करती है। तेज रफ्तार और लापरवाही से चलाए जा रहे वाहनों की वजह से न जाने कितने परिवार उजड़ रहे हैं। प्रशासन को अब सख्त कदम उठाने होंगे ताकि सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सके और इस तरह के हादसों पर रोक लगाई जा सके।