भारतीय रेलवे को देश की जीवन रेखा कहा जाता है, लेकिन कई बार यात्रा के दौरान ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं, जब यात्री अपनी ट्रेन छूट जाने पर असमंजस में पड़ जाते हैं। अक्सर प्लेटफॉर्म अचानक बदल जाने या जानकारी समय पर न मिलने से लोग गंतव्य तक नहीं पहुंच पाते और यह मान लेते हैं कि अब टिकट बेकार हो गया। बहुत से यात्री गुस्से या तनाव में टिकट को फाड़ देते हैं या फेंक देते हैं, जबकि ऐसा करना सही नहीं है। रेलवे के नियमों में ऐसी स्थितियों के लिए विशेष प्रावधान मौजूद हैं, जिनके तहत यात्रियों को रिफंड मिल सकता है। जरूरी यह है कि सही समय पर सही प्रक्रिया अपनाई जाए।