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₹89 लाख की स्कॉलरशिप, फिर भी नहीं मिला US वीजा, कौशिक राज के 'सोशल मीडिया पोस्ट' ने तोड़ा अमेरिका का सपना!

US Student Visa: राज का 29 जुलाई को वीजा के लिए इंटरव्यू हुआ, जिसके बाद उन्हें अपना सोशल मीडिया पब्लिक करने के लिए एक पर्ची दी गई। इसके बाद 4 अगस्त को उनके वीजा आवेदन की स्थिति 'रिजेक्ट' दिखी

अपडेटेड Oct 07, 2025 पर 3:59 PM
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27 वर्षीय पत्रकार कौशिक राज को कोलंबिया यूनिवर्सिटी के डेटा जर्नलिज्म मास्टर प्रोग्राम के लिए ₹89 लाख की स्कॉलरशिप मिली थी

US Visa: अमेरिका में पढ़ाई करने का सपना अब भारतीय छात्रों के लिए एक बुरे सपने में बदलता जा रहा है। शानदार ग्रेड, लाखों रुपये की स्कॉलरशिप और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रवेश पत्र होने के बावजूद, बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों के वीजा आवेदन खारिज किए जा रहे हैं। अब यह आशंका बढ़ गई है कि शैक्षणिक या वित्तीय कारणों से परे छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधि उनकी वीजा पात्रता की एक महत्वपूर्ण फैक्टर बन गई है। कुछ ऐसा ही हुआ पत्रकार कौशिक राज के साथ। वीजा का पूरा प्रोसेस कंप्लीट करने के बाद भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। आइए आपको बताते हैं पूरी स्टोरी।

नहीं मिल पाया अमेरिका का वीजा...

27 वर्षीय पत्रकार कौशिक राज को कोलंबिया यूनिवर्सिटी के डेटा जर्नलिज्म मास्टर प्रोग्राम के लिए ₹89 लाख की स्कॉलरशिप मिली थी। हालांकि वो अमेरिका जाने के लिए वीजा बनवाने में असफल रहे। उनहोनी पूरा प्रोसेस फॉलो करते हुए वीजा के लिए आवेदन तो किया लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से मिले रिजेक्शन लेटर में कहा गया कि वह 'भारत से पर्याप्त संबंध' (sufficient ties to India) दिखाने में विफल रहे हैं।


राज ने इस आधिकारिक स्पष्टीकरण को महज एक बहाना बताया। उनका मानना ​​है कि असली कारण सोशल मीडिया की जांच है। उन्होंने द वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि वह ऑनलाइन बहुत सक्रिय नहीं थे और उन्होंने गाजा जैसे वैश्विक मुद्दों पर व्यक्तिगत राय कभी पोस्ट नहीं की। हालांकि, उन्होंने अपनी पत्रकारिता से जुड़ी रिपोर्ट्स शेयर की थी जो 'घृणित अपराधों' और 'भारत में मुसलमानों के साथ व्यवहार' से संबंधित थी।

सोशल मीडिया की जांच है असली वजह?

राज ने हिंदुस्तान टाइम्स को वीजा के आवेदन से लेकर उसकी पूरी प्रक्रिया की टाइमलाइन बताई। 29 जुलाई को इंटरव्यू हुआ, जिसके बाद उन्हें अपना सोशल मीडिया पब्लिक करने के लिए एक पर्ची दी गई। 4 अगस्त को आवेदन की स्थिति 'रिजेक्ट' दिखी, फिर 11 अगस्त को 'प्रशासनिक प्रक्रिया' में बदल गई, और अंततः 14 अगस्त को फिर से 'रिजेक्ट' हो गई। सबसे महत्वपूर्ण बात तो ये है कि इस रिजेक्शन के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती। राज अब यूके (UK) में पत्रकारिता पढ़ने की योजना बना रहे हैं, यह कहते हुए कि वह ऐसे देश में पढ़ाई नहीं करना चाहते 'जो आपको पत्रकारिता करने के लिए दंडित करता हो।'

योग्यता के बावजूद टूटा सपना, स्कॉलरशिप के बाद भी नहीं ले पाए एडमिशन

राज अकेले ऐसे स्टूडेंट नहीं जय जिन्हें इस रिजेक्शन का सामना करना पड़ा हो। 18 वर्षीय दर्ष वत्स को कनेक्टिकट के ट्रिनिटी कॉलेज में लगभग पूरी स्कॉलरशिप मिली थी। उन्होंने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं, लेकिन जाने से ठीक पहले उनका वीजा भी रिजेक्ट कर दिया गया। वत्स भी सोशल मीडिया पर भारतीय सरकार और इजराइल की नीतियों की आलोचना करते थे। हालांकि उन्होंने वो पोस्ट डिलीट किए फिर भी उनके साथ ऐसा हुआ।

लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी की 26 वर्षीय एक पीएचडी छात्रा ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसने भी ऑनलाइन पोस्ट करना बंद कर दिया है। उसका कहना है, 'किसी भी चीज को वीजा रद्द करने का आधार माना जा सकता है।'

50% तक गिरी अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या

इंटरनेशनल ट्रेड एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, अगस्त 2025 में अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 50 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है, जो कुल वार्षिक 19% की गिरावट में योगदान करती है। यह गिरावट तब आई है जब विशेषज्ञ सख्त इमिग्रेशन स्क्रीनिंग और असंतोष के प्रति राजनीतिक संवेदनशीलता बढ़ने की बात कह रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, विदेश मंत्री मार्को रुबियो के कार्यालय ने हजारों छात्र वीजा रद्द कर दिए हैं, जिसके कारणों में विरोध प्रदर्शनों में भागीदारी से लेकर इजराइल की ऑनलाइन आलोचना तक शामिल हैं।

व्हाइट हाउस की उप प्रेस सचिव अन्ना केली ने इन उपायों का बचाव करते हुए कहा कि वे यह सुनिश्चित करते हैं कि 'मेहमानों' से राष्ट्रीय सुरक्षा का कोई जोखिम न हो या वे अमेरिकी मूल्यों को कम करने का प्रयास न करें।

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