खंडवा जिले के कई क्षेत्रों में इन दिनों एक बेहद खतरनाक और घातक सांप, रसैल वाईपर, लोगों के लिए चिंता और भय का कारण बन गया है। ये सांप केवल अपने नाम से ही नहीं, बल्कि अपने बेहद शक्तिशाली जहर और अप्रत्याशित हमले के लिए भी जाना जाता है। गांवों, खेतों और अब घरों के आस-पास भी इसकी मौजूदगी दर्ज की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके काटने पर इंसान की जान मिनटों में खतरे में पड़ सकती है। रसैल वाईपर का शरीर मोटा और भारी होता है, लंबाई लगभग 3 से 4 फीट तक होती है, और इसकी त्वचा पर सुनहरे, भूरे और काले रंग के गोल-गोल निशान साफ दिखाई देते हैं।
इसकी बड़ी आंखें और तेज जीभ इसे और भी खतरनाक बनाती हैं। समय रहते इस सांप की पहचान करना, सतर्क रहना और किसी भी हालत में इसे छेड़ने या नुकसान पहुंचाने से बचना बेहद जरूरी है।
इस सांप का शरीर मोटा और भारी होता है, जिसकी लंबाई लगभग 3–4 फीट तक होती है। इसकी त्वचा पर सुनहरे, भूरे और काले रंग के गोल निशान साफ दिखाई देते हैं। बड़ी आंखें और तेजी से निकलती जीभ इसे और खतरनाक बनाती हैं। इसकी फुंकार इतनी तेज होती है कि दूर से ही डर का एहसास करा देती है।
रसैल वाईपर मुख्यरूप से सूखे और बंजर इलाकों में पाया जाता है। खंडवा, बुरहानपुर, हरदा और नर्मदा के किनारे वाले क्षेत्रों में इसकी संख्या बढ़ रही है। ये बरसात और गर्मियों में अधिक सक्रिय होता है और खेतों, झाड़ियों, लकड़ी के ढेर और पुराने घरों के पास छिपता है। चाल धीमी होने के बावजूद इसका हमला अचानक और तेज होता है।
यदि घर या खेत में रसैल वाईपर दिखाई दे, तो उसे छेड़ें नहीं। तुरंत वन विभाग या सांप पकड़ने वाले विशेषज्ञ को बुलाएं। काटने की स्थिति में शांत रहें, कटे अंग को स्थिर रखें और तुरंत अस्पताल पहुंचें। खेतों में मोटे जूते और कपड़े पहनें, झाड़ियों और लकड़ियों से दूरी बनाए रखें और रात को टॉर्च का इस्तेमाल करें। घर की सफाई रखें ताकि सांप छिप न सके। जागरूकता और सतर्कता ही इस घातक सांप से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।