ब्राजील के घने और रहस्यमयी जंगल हमेशा से दुनिया को चौंकाने वाले रहस्यों से भरे रहे हैं। इन्हीं जंगलों से वैज्ञानिकों को हाल ही में एक अनोखी खोज मिली है, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यहां शोधकर्ताओं को सांप की एक नई प्रजाति मिली है, जो अपने रूप और बनावट की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है। लगभग तीन फीट लंबे इस पतले और हरे रंग के सांप की पहचान किसी आम सांप जैसी नहीं है। इसके थूथन पर मौजूद गहरी काली रेखा इसे बिल्कुल अलग बनाती है। ये रेखा देखने में ऐसी लगती है जैसे मानो इस सांप के चेहरे पर मूंछें हों।
इसी वजह से वैज्ञानिकों ने इसे ‘मूंछों वाला सांप’ कहना शुरू कर दिया है। इस खोज ने एक बार फिर साबित किया है कि प्रकृति के रहस्यों को समझने की हमारी कोशिशें अभी अधूरी हैं और इसमें हर दिन कुछ नया सामने आ सकता है।
म्यूजियम में वर्षों से छिपा रहस्य
दरअसल, ये सांप लंबे समय तक ब्राजील के एक म्यूजियम कलेक्शन में मौजूद था, लेकिन इसे आम प्रजाति मानकर नजरअंदाज कर दिया गया। बाद में जब वैज्ञानिकों ने इसके डीएनए और शारीरिक बनावट का गहराई से अध्ययन किया, तब सामने आया कि ये प्रजाति अब तक जानी-पहचानी Parrot Snake से बिल्कुल अलग है।
क्यों है ये सांप सबसे खास?
इस सांप का नाम Leptophis mystacinus रखा गया है। इसकी सबसे बड़ी पहचान है मूंछ जैसी काली धारियां, जो किसी भी अन्य Parrot Snake में नहीं मिलतीं। इसके अलावा, इसके शरीर पर हल्की हरी धारियां, अलग दांतों की संख्या और अलग डिजाइन भी पाए गए, जो इसे बाकी प्रजातियों से पूरी तरह अलग करते हैं।
जेनेटिक स्टडी ने खोला राज
फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ माटो ग्रोसो डो सुल के वैज्ञानिक डिएगो सेंटाना की टीम ने पुराने और नए दोनों तरह के नमूनों का परीक्षण किया। शुरू में इसे पहले से मौजूद प्रजाति का हिस्सा समझा गया था, लेकिन जेनेटिक प्रोफाइलिंग ने ये साफ कर दिया कि ये सांप बिल्कुल अलग पहचान रखता है।
खतरे में नई प्रजाति का अस्तित्व
ये मूंछों वाला सांप ब्राजील के सेराडो सवाना में पाया जाता है। ये इलाका दुनिया के सबसे जैव विविधता से भरपूर क्षेत्रों में गिना जाता है, लेकिन इंसानी गतिविधियों से यहां के जंगल तेजी से खत्म हो रहे हैं। खेती, पशुपालन और वनों की कटाई ने इसका प्राकृतिक आवास छोटा कर दिया है। केवल 2022 से 2023 के बीच यहां 45% तक जंगल नष्ट हुए।
ये खोज न केवल जैव विविधता की नई पहचान है, बल्कि इंसानों को चेतावनी भी देती है कि अगर वनों का विनाश ऐसे ही चलता रहा, तो कई अनोखी प्रजातियां अस्तित्व में आने से पहले ही खत्म हो सकती हैं। मूंछों वाला ये सांप वैज्ञानिकों के लिए उतना ही रोमांचक है, जितना पर्यावरण के लिए चिंताजनक।