भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना आज लाखों युवाओं की प्रेरणा हैं। लेकिन उनकी सफलता की राह आसान नहीं रही। हाल ही में सामने आई एक भावुक कहानी ने दिखाया कि कैसे समाज ने उनके पिता को ताने दिए और परिवार को हतोत्साहित करने की कोशिश की।
स्मृति ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब उन्होंने क्रिकेट को करियर बनाने का फैसला किया, तब उनके पिता श्रीनिवास मंधाना को लोगों ने कहा – “कोई इस लड़की से शादी नहीं करेगा।” यह ताना सिर्फ उनके परिवार की भावनाओं को चोट नहीं पहुंचाता था, बल्कि समाज की उस सोच को भी उजागर करता था जिसमें लड़कियों का खेलों में करियर बनाना असामान्य माना जाता था।
स्मृति ने याद किया कि उनके पिता और भाई बचपन से ही क्रिकेट प्रेमी थे। पिता का सपना था कि परिवार से कोई क्रिकेट खेले। जब स्मृति ने इस खेल को अपनाया, तो पिता ने हर कदम पर उनका साथ दिया। लेकिन समाज ने इसे स्वीकार नहीं किया और बार-बार सवाल उठाए। बावजूद इसके, परिवार ने हार नहीं मानी।
आज वही स्मृति मंधाना महिला विश्व कप विजेता हैं और उन्हें BCCI का बेस्ट वुमेन्स इंटरनेशनल क्रिकेटर अवॉर्ड भी मिल चुका है। उनकी उपलब्धियां इस बात का सबूत हैं कि समाज के ताने और आलोचनाएं सिर्फ अस्थायी होती हैं, जबकि मेहनत और जुनून स्थायी पहचान बनाते हैं।
आज जब स्मृति मैदान पर चौके-छक्के लगाती हैं, तो वह सिर्फ रन नहीं बनातीं, बल्कि उन सभी तानों का जवाब भी देती हैं जो कभी उनके पिता को सुनने पड़े थे।