Smriti Mandhana: सांगली की गलियों से स्टेडियम तक, स्मृति मंधाना की शानदार उड़ान, जानिए पूरा सफर
Smriti Mandhana: स्मृति मंधाना की कहानी एक छोटी बच्ची के बड़े सपने से शुरू होती है। भाई को क्रिकेट खेलते देख उनके मन में भी क्रिकेट का बीज बोया। सांगली की गलियों से निकली यह लड़की 9 साल में अंडर-15 तक पहुँची और फिर इंटरनेशनल क्रिकेट की शान बनी। मेहनत, हिम्मत और रिकॉर्ड्स ने उन्हें भारत की चैंपियन स्टार बनाया
Smriti Mandhana: सोलह साल की उम्र में स्मृति ने घरेलू मैच में नाबाद 224 रन से तहलका मचा दिया।
एक छोटी सी लड़की… जो रोज अपने भाई को क्रिकेट किटबैग लेकर प्रैक्टिस जाते देखती थी। भाई रन बनाकर आता तो घर में उसकी खूब तारीफ होती। अखबार में जब भाई की फोटो छपती, तो वो कटिंग संभालकर फाइल में चिपका देती। एक दिन उसने वही फोटो देखते हुए सोचा— "क्या कभी मेरा भी नाम छपेगा?" बस उसी पल उसने तय कर लिया कि क्रिकेट ही उसका रास्ता है। यही छोटी लड़की आगे चलकर भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तान बनी स्मृति मंधाना। 2 नवंबर को हुए ऐतिहासिक पल में उनके बल्ले ने 1973 से चला आ रहा भारत का इंतजार खत्म किया और महिला विश्व कप 2025 जिताने में बड़ी भूमिका निभाई।
पढ़ाई और शुरुआती क्रिकेट
स्मृति का जन्म जुलाई 1996 में मुंबई में हुआ, लेकिन उनका बचपन सांगली के माधवनगर में बीता। पढ़ाई लोकल स्कूलों और चितमणराव कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पूरी हुई। घर में क्रिकेट का माहौल पहले से था, पिता और भाई दोनों स्थानीय क्रिकेटर। भाई को खेलते देखते-देखते उनके मन में भी क्रिकेट की भावना जागी और धीरे-धीरे ये जुनून बन गया।
छोटी उम्र की बड़ी उड़ान
स्मृति जब छोटी थीं, तब पापा ही उन्हें गेंद फेंकते थे। वे पापा से कहती— ‘थोड़ा तेज डालो।’ पापा 15 गज की दूरी से स्पीड बढ़ाकर गेंद फेंकते और छोटी स्मृति बिना डरे शानदार ड्राइव मारतीं। पापा ने तुरंत पहचान लिया कि बेटी में क्रिकेटर छिपा है।
फिर उन्हें सांगली के जूनियर स्टेट कोच अनंत तांबवेकर की अकैडमी में भेजा गया।
सिर्फ 9 साल की उम्र में अंडर-15, और 11 साल में अंडर-19 टीम… इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी छलांग ने बता दिया था कि ये लड़की आगे बहुत दूर जाएगी।
घरेलू रिकॉर्ड, इंटरनेशनल डेब्यू
सोलह साल की उम्र में स्मृति ने घरेलू मैच में नाबाद 224 रन से तहलका मचा दिया। ये भारतीय महिला क्रिकेट में पहला लिस्ट-ए डबल सेंचुरी था।
2013 में 17 साल की उम्र में उनका टीम इंडिया में डेब्यू हुआ— ODI और T20 दोनों में।
2014 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट भी खेलीं।
2016 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहला इंटरनेशनल शतक लगाया।
फिर आया मुश्किल समय— 2017 में ACL इंजरी। पांच महीने बाहर रहना पड़ा। लेकिन वर्ल्ड कप में वापसी करते ही उन्होंने शतक जड़ दिया। ये बताने के लिए काफी था कि ये खिलाड़ी कितनी मजबूत है।
वर्ल्ड कप 2025
2016 के बाद स्मृति दुनिया की बड़ी लीग्स— बिग बैश, द हंड्रेड, WCSL— में छा गईं।
WPL में RCB की कप्तान बनीं और टीम को खिताब जिताया।
तीनों इंटरनेशनल फॉर्मेट में शतक लगाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
सबसे तेज 4,000 WODI रन और भारत की सबसे तेज ODI सेंचुरी जैसे रिकॉर्ड अपने नाम किए।
2025 वर्ल्ड कप में उपकप्तान रहीं। टीम को चैंपियन बनाया और अपना 14वां ODI शतक जमाया।
आज 9,500+ इंटरनेशनल रन के साथ स्मृति मंधाना सिर्फ स्टार नहीं, बल्कि युवा खिलाड़ियों की प्रेरणा हैं ये कहानी बताती है कि सपनों को फाइल में चिपकाने वाली छोटी लड़की कैसे दुनिया के बड़े क्रिकेट मंच पर चमक गई।
कितनी है स्मृति की नेटवर्थ
स्मृति मंधाना की कुल संपत्ति लगभग 33 करोड़ रुपये है। उनका मुख्य कमाई का जरिया भारत की महिला टीम और WPL में खेलना है। इसके अलावा वे विज्ञापन और ब्रांड एंडोर्समेंट से भी कमाती हैं। बीसीसीआई के ‘ए’ ग्रेड कॉन्ट्रैक्ट, मैच फीस और RCB के साथ WPL का 3.40 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट उनकी आमदनी में शामिल है।