कुछ देशों की करेंसी ने सबसे कम कीमत की सूची में अपनी जगह बनाई है। जानिए उन देशों के बारे में जहां भारतीय रुपये की ताकत सबसे ज्यादा है और वहां के नागरिक अपनी कमजोर करेंसी के कारण किस तरह की आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
ईरानी रियाल
दुनिया की सबसे कमजोर करेंसी में से एक ईरानी रियाल है। 1 रुपये के बदले यहां आपको लगभग 490 से 500 रियाल मिलते हैं। इकोनॉमिक सैंक्शन्स, राजनीतिक अशांति और लगातार बढ़ती महंगाई ने रियाल को कमजोर किया है। ईरान सरकार इसे सुधारने के लिए "तामन" नामक नई मुद्रा भी लाने की तैयारी में है, जिसमें 1 तामन = 10 रियाल होगा। इससे लेन-देन में आसानी होगी और मुद्रास्फीति पर काबू पाया जा सकेगा।
वियतनामी डोंग
वियतनाम की करेंसी डोंग भी बेहद कमजोर है। 1 रुपये के बदले यहां करीब 300 डोंग मिलते हैं। ये कमजोरी सरकार की रणनीति का हिस्सा है ताकि विदेशों से वियतनामी उत्पादों की खरीद बढ़े और देश की निर्यात जगत मजबूत हो। हालांकि, वियतनाम की अर्थव्यवस्था निरंतर विकास कर रही है, लेकिन डोंग का यह स्तर अभी भी कमजोर माना जाता है।
इंडोनेशियाई रुपिया
इंडोनेशियाई रुपिया भी अपनी कमजोरी के कारण चर्चा में है। यहां 1 रुपये के बदले लगभग 185-190 रुपिया मिलते हैं। इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था स्थिर करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं लेकिन वैश्विक बाजार के उतार-चढ़ाव और कमोडिटी प्राइस की वजह से रुपिया कमजोर बना हुआ है।
लाओस का किप
लाओस की करेंसी किप भी बहुत कम कीमत वाली है जहां 1 रुपये के मुकाबले 250-260 किप मिलते हैं। लाओस की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और जलविद्युत पर निर्भर है, जिसकी वजह से विकास धीमा है और करेंसी कमजोर बनी हुई है। लेकिन इससे यात्रियों के लिए वहां यात्रा करना किफायती साबित होता है।
सिएरा लियोनियन लियोन
सिएरा लियोनियन लियोन भी कमजोर मुद्रा है, जो देश की राजनीतिक अस्थिरता और कमजोर आर्थिक तंत्र का नतीजा है। इससे वहां के आर्थिक हालात प्रभावित होते हैं और बाहर से निवेश में भी बाधा आती है।
कमजोर करेंसी के आर्थिक प्रभाव और भारतीय रुपये की ताकत
कमजोर करेंसी वाले देश महंगाई और दैनिक जरूरतों के लिए ज़्यादा कीमत चुकाते हैं क्योंकि उनके पास विदेशी मुद्रा का अभाव होता है। वहीं, भारतीय रुपया उनके मुकाबले काफी मजबूत है, जिससे भारत के नागरिकों के लिए ये देश किफायती और बजट-फ्रेंडली डेस्टिनेशन बन जाते हैं।
विदेश यात्रा या व्यापार करते वक्त समझदारी से करेंसी एक्सचेंज करना जरूरी है। कमजोर करेंसी वाले देशों की आर्थिक स्थिति और राजनीतिक स्थिरता पर ध्यान रखना आपका निवेश सुरक्षित रख सकता है।