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ये हो सकते हैं रात के आसमान में दिखने वाले ‘ब्रह्मांड के 7 wonders’

दुनिया के 7 अजूबों के बारे में तो हम सभी जानते हैं। इसमें अलग-अलग वर्ग, जैसे मानव निर्मित, प्राकृतिक या प्राचीन दुनिया के अजूबों के बारे में कई बार पढ़ा या सुना है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि ब्रह्मांड के 7 अजूबे कौन से हो सकते हैं, जिन्हें हम अपनी आंखों से या किसी छोटी दूरबीन से देख सकते हैं।

MoneyControl News
अपडेटेड Jul 29, 2025 पर 23:55
ये हो सकते हैं रात के आसमान में दिखने वाले ‘ब्रह्मांड के 7 wonders’

चांद : अंतरिक्ष में हमारा सबसे करीबी पड़ोसी और धरती का प्राकृतिक उपग्रह है चांद। इसका आकर्षण ही कुछ ऐसा है कि शायद ही कोई हो, जो इसके दीदार से चूका हो। बच्चों से लेकर कवि और शायर तक सब मुरीद हैं। खगोलशास्त्र में रुचि रखने वालों का सबसे पसंदीदा अजूबा है ये। (फोटो : नासा)

शनि के छल्ले : बिना किसी दुविधा के, शनि रात के आसमान का शोपीस है। इसके बर्फ से बने छल्ले दूरबीन से देखने पर और भी खूबसूरत नजर आते हैं। (फोटो : नासा)

ओरियन द ग्रेट हंटर : ये रात के आसमान में नजर आने वाला सबसे चमकदार तारों का समूह है। एक चमकीले रेक्टेंगल के बीच में एक लाइन में टंके तीन चमकीले तारे ओरायन बेल्ट की सुंदरता बढ़ाते हैं। इन्हें पृथ्वी पर कहीं से देखा जा सकता है। (फोटो : इंटरनेट)

आकाश गंगा : यह शहर की चकाचौंध और धूल और प्रदूषण में नजर नहीं आती है। लेकिन इसे किसी शांत, कम आबादी वाली जगह से रात के आसमान में साफ देखा जा सकता है। इसे देखने का सबसे अच्छा समय यूं तो गर्मियों की रात का होता है, लेकिन सर्दियों में इसके कुछ बेहतरीन नजारे देखे जा सकते हैं। (फोटो : इंटरनेट)

हरक्यूलिस क्लस्टर : इसे बिना चांद वाली रात को बूट्स में आर्कट्यूरस और लाइरा में चमकीले वेगा सितारे के बीच देखा जा सकता है। कुछ लोगों को इसका आकार अंग्रेजी के अक्षर एच जैसा लगता है। यह चमकते तारों का एक समूह है, जो एक विशाल गेंद जैसा लगता है। इसमें कई लाख तारे हैं और सभी हमारे सूरज से ज्यादा चमकदार हैं।(फोटो : नासा)

क्रैब नेब्यूला : 4 जुलाई, 1054 ई. को एक विशाल विस्फोट हुआ: एक सुपरनोवा। हमारे सूर्य से कम से कम दस गुना ज्यादा विशाल तारा अचानक फट गया। यह तारा हमारे सूर्य से पांच अरब गुना ज्यादा चमकीला था। इसके बाद, तारे के बेहद गर्म, नए बने कोर और गैस के मलबे के फैलते बादल के अलावा कुछ भी नहीं बचा। यही था क्रैब नेब्यूला जो रात के आसमान का एक और अजूबा बनने के काबिल है। (फोटो : नासा)

एंड्रोमीडा गैलेक्सी : वर्ष 964 ई. में, पर्सियन खगोलशास्त्री अल-सूफी ने एंड्रोमीडा गैलेक्सी के तारों के बीच स्थित एक छोटे बादल के टुकड़े की तरफ ध्यान खींचा। ये थी राजकुमारी एंड्रोमीडा गैलेक्सी। बगैर के चांद वाली रात के साफ आसमान में इस गैलेक्सी को देखा जा सकता है। इसे रात के आसमान के 7वें अजूबे का खिताब दिया जा सकता है। (फोटो : नासा)

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First Published: Jul 29, 2025 11:55 PM

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