उत्तर प्रदेश में मौसम ने करवट बदल दी है। राजधानी लखनऊ में आज (10 अप्रैल 2025) सुबह से ही तेज बारिश हो रही है। यहां पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखा है। सुबह अचानक आसमान में काले बादल छाए और तेज हवा के साथ बारिश होने लगी। जिससे ऑफिस जाने वाले लोग भीग गए। गर्मी का सामना कर रहे लोगों पर जब बारिश की फुहारें गिरी तो कुछ अलग ही एहसास हुआ। अप्रैल महीने में ही लोगों को 40 डिग्री सेल्सियस गर्मी का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन इस बारिश से लोगों ने राहत की सांस ली है। हांलांकि, इससे रबी फसल को नुकसान पहुंचने का अनुमान भी जताया जा रहा है।
सूबे के गोरखपुर, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव, कानपुर देहात, बरेली, शाहजहांपुर, फर्रूखाबाद, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत समेत कई जिलों में बारिश हुई। मौसम विभाग ने लखनऊ समेत कई जिलों में दो दिन तक तेज हवा के साथ बारिश की बौछार का अलर्ट जारी किया है।
लखनऊ में झमाझम बारिश, सड़के बन गईं तालाब
लखनऊ में सुबह 8 बजे करीब मौसम पूरी तरह से बदल गया। कई हलाकों में भारी बरसात हुई। ज्यादातर हिस्सों में अंधेरा छा गया। बारिश और आंधी से कई क्षेत्रों में बिजली गुम होने की खबर है। सुबह से ही आसमान में बादलों ने डेरा जमा लिया। इतना अंधेरा छा गया कि सड़कों पर गुजर रहे वाहन चालों को लाइट जलानी पड़ी। लखनऊ में तेज आंधी की वजह से कई पेड़ गिर गए। वहीं झमाझम बारिश से गर्मी में सड़के भी तालाब बन गईं। कई निचले इलाके पानी से लबालब भर गए। सड़कों पर लोगों के घुटनों तक पानी भर गया। यही हाल कानपुर का भी रहा। यहां की सड़कें भी पानी से लबालब भर गईं।
मौसम विभाग ने सूबे के 45 से ज्यादा जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश, आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग का कहना है कि बारिश अभी और तेज हो सकती है। इसके साथ ही इसका दायरा भी बढ़ सकता है। यानी और जिले भी बारिश की चपेट में आ सकते हैं। वहीं मौसम विभाग ने तापमान में गिरावट की उम्मीद जताई है।
सीएम योगी ने अधिकारियों को किया अलर्ट
मौसम के मिजाज के देखते हुए राज्य के अफसरों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। उन्होंने निर्देश दिया कि अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करें और राहत कार्यों पर नजर रखें। जलजमाव होने पर जल निकासी की व्यवस्था कराएं। आंधी, बारिश और आकाशीय बिजली से मरने वालों के परिजनों को सहायता राशि दी जाए। फसलों के नुकसान का आकलन कर जल्द से जल्द शासन को रिपोर्ट भेजी जाए, ताकि किसानों को मुआवजा दिया जा सके।