Heavy Rain Alert: उत्तर प्रदेश में मानसून की आहट के साथ ही मौसम ने भी करवट ले ली है। भीषण गर्मी के बाद उत्तर प्रदेश में अब दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 20 जून से पूरी तरह सक्रिय हो गया है। वहीं मौसम विभाग (IMD) द्वारा जारी दो चेतावनियों ने प्रदेश के 40 से अधिक जिलों को सचेत कर दिया है। भारी बारिश, तेज हवा, गरज-चमक और बिजली गिरने जैसी घटनाओं की संभावना को देखते हुए कई जिलों को ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में भारी बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं का दौर अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा।
इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार यानी 21-22 जून को प्रयागराज सहित 33 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, भदोही और आसपास के क्षेत्र के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यलो अलर्ट की लिस्ट में प्रतापगढ़, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, कानपुर नगर और देहात, उन्नाव, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, झांसी, ललितपुर सहित कई जिले शामिल हैं। यहां तेज बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, मऊ, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर जैसे 20 से अधिक जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
अगले तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में मानसून ने कुछ उत्तरी-पश्चिमी कुछ जिलों और एनसीआर को छोड़कर पूरे प्रदेश को कवर कर लिया है। शनिवार से प्रदेश के दक्षिणी इलाकों समेत विंध्य क्षेत्र और बुंदेलखंड में भी अच्छी बारिश देखने को मिलेगी। अगले 2-3 दिनों के दौरान मॉनसून पूरे प्रदेश में फैलने के लिए अनुकूल स्थिति में है। 20 से 22 जून के बीच कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश की संभावना भी है।
बारिश के अलर्ट के बीच लोगों को ये सलाह
वहीं शनिवार सुबह प्रयागराज में जोरदार बारिश हुई, जिससे सड़कों पर पानी भर गया। मिर्जापुर में बारिश के चलते नटवा रेलवे ब्रिज के नीचे भारी जलभराव हो गया, जिसमें दो ट्रक फंस गए। प्रतापगढ़ के लालगंज में रात में इतनी बारिश हुई कि लोगों के घरों में पानी घुस गया। वहीं बारिश के अलर्ट को देखते हुए मौसम विभाग और राज्य सरकार की ओर से आम जनता को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें। खुले मैदानों, पेड़ों, बिजली के खंभों और पानी से भरे स्थानों से दूर रहें। किसान खेतों में काम करते समय विशेष सतर्कता बरतें।