सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें पुणे की एक महिला ने अपने पेशाब से आंखें धोने का अजीबोगरीब तरीका दिखाया। इस वीडियो ने इंटरनेट पर तूफान ला दिया है। वीडियो में महिला खुद को "हेल्थ कोच" बताने वाली नुपुर पिट्टी हैं। उन्होंने इसे नाम दिया – "Urine Eye Wash – Nature’s Own Medicine"। वीडियो में नुपुर सुबह का पहला पेशाब अपनी आंखों में डालती दिखीं, और दावा किया कि इससे सूखापन, जलन और लालिमा जैसी परेशानियां ठीक होती हैं। वह इसे नेचुरल और वैकल्पिक उपचार मानती हैं।
डॉक्टर ने जताई सख्त आपत्ति: "पेशाब आंखों में डालना बेहद खतरनाक"
ये वीडियो वायरल होते ही मशहूर लीवर एक्सपर्ट और डॉक्टर सायरेक एबी फिलिप्स, जिन्हें सोशल मीडिया पर TheLiverDoc नाम से जाना जाता है, उन्होंने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने X पर वीडियो को रीशेयर करते हुए चेतावनी दी, "प्लीज, अपने पेशाब को आंखों में न डालें। पेशाब स्टरल नहीं होता है!"
डॉ. फिलिप्स ने नाराजगी जताते हुए लिखा, "इंस्टाग्राम पर बूढ़ी आंटियां कूल बनने की कोशिश कर रही हैं, ये डिप्रेसिंग भी है और डरावना भी!"
वीडियो डिलीट होने के बाद भी जारी है हंगामा
हालांकि नुपुर ने बाद में ये वीडियो डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक यह लाखों लोगों तक पहुंच चुका था। सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी आलोचना की और इसे खतरनाक ट्रेंड बताया।
एक यूजर ने लिखा, "सुबह का पहला पेशाब सबसे ज्यादा बैक्टीरिया से भरा होता है और आप उसे आंख में डाल रहे हैं?"
दूसरा यूजर बोला, "अगर पेशाब इतना फायदेमंद होता, तो शरीर उसे बाहर ही क्यों निकालता?" कई यूजर्स ने इसे "गरीबी मानसिकता" तक करार दिया, यानी शरीर के वेस्ट को फिर से इस्तेमाल करने की सोच।
आंखों के लिए कितना हानिकारक है पेशाब?
पेशाब हमारे शरीर का एक वेस्ट है, जिसमें लगभग 95% पानी होता है। बाकी हिस्से में यूरिया, क्रिएटिनिन, अमोनिया, नमक और शरीर से निकलने वाले दूसरे वेस्ट पदार्थ होते हैं। इसमें दवाइयों, हार्मोन और वातावरण से आए जहरीले तत्वों के अंश भी हो सकते हैं, जो खून से छनकर बाहर आते हैं।
आंखों की झिल्ली (म्यूकस मेम्ब्रेन) बहुत नाजुक होती है, और ऐसे वेस्टे पदार्थों को आंखों में डालना उसकी सुरक्षा और पीएच बैंलेंस को बिगाड़ सकता है।
क्या सोशल मीडिया पर ‘फेम’ पाने के लिए लोग अपनी सेहत दांव पर लगा रहे हैं?
इस घटना ने सोशल मीडिया पर "सेल्फ-प्रोमोटेड हेल्थ टिप्स" और असत्यापित घरेलू उपायों को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस तरह के बिना वैज्ञानिक आधार वाले घरेलू नुस्खों से स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो सकता है।