भारत में गर्मी का प्रकोप इस बार अप्रैल की शुरुआत से ही चरम पर है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देश के कई हिस्सों में अधिक तापमान, गर्म रातों और हीट स्ट्रोक के बढ़ते खतरे को लेकर चेतावनी जारी की है। दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में पारा 43 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच चुका है। राजधानी दिल्ली में जहां दिन में 40 डिग्री तापमान दर्ज किया गया, वहीं रातें भी असामान्य रूप से गर्म हो रही हैं। इन हालातों में बच्चों, बुजुर्गों और खुले में काम करने वाले लोगों के लिए विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
गर्मी के कारण कई इलाकों में सड़कों के पिघलने, बिजली की खपत बढ़ने और जल संकट जैसे हालात भी सामने आने लगे हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बार गर्मी का असर लंबा और अधिक गंभीर हो सकता है, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों पर खतरा मंडरा रहा है।
दिल्ली, राजस्थान, गुजरात समेत कई राज्यों में लू का प्रकोप
मौसम विभाग ने दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात और मध्यप्रदेश को गर्मी के सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र बताया है। अप्रैल की शुरुआत में ही गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश के 27 मौसम केंद्रों पर तापमान 43°C या उससे ज्यादा दर्ज किया गया। इनमें से 19 जगहों पर “हीटवेव से लेकर गंभीर हीटवेव” की स्थिति देखी गई।
राजस्थान में 46°C तक पहुंचा पारा
राजस्थान के बाड़मेर में तापमान 46.4°C तक पहुंच गया, जबकि महाराष्ट्र के जलगांव में 42.5°C दर्ज किया गया। दिल्ली ने बुधवार को दोपहर में 40°C और रात में 25.6°C तापमान दर्ज किया, जो पिछले तीन सालों में सबसे गर्म अप्रैल रात रही। साथ ही दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) भी खराब स्तर 209 तक पहुंच गया है।
अप्रैल की शुरुआत में ही पारा 42 डिग्री पार
अप्रैल की शुरुआत है और 20 से ज्यादा शहरों में पारा 42°C के ऊपर पहुंच चुका है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान गर्मी के सबसे ज्यादा चपेट में हैं। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रभाव की आशंका जताई गई है और मई-जून तक तापमान 40°C के पार रहने की संभावना है।
दक्षिण भारत में गर्मी के साथ बारिश
जब उत्तर और मध्य भारत लू से परेशान हैं, तब दक्षिण भारत में मौसम का मिजाज अलग ही नजर आ रहा है। तेलंगाना के हैदराबाद और निजामाबाद में तेज गर्मी के साथ-साथ कुछ इलाकों में हल्की बारिश भी हो रही है। आंध्र प्रदेश में 13 अप्रैल तक बिजली कड़कने, तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है।
हालांकि इन झमाझम बारिशों से कुछ देर के लिए गर्मी से राहत मिल सकती है, लेकिन इनके साथ बाढ़ और तेज हवाओं से नुकसान की भी आशंका है। मौसम विभाग का कहना है कि ये बदलाव बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव और चक्रवाती हवाओं के कारण हो रहे हैं।