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इक्विटी डिलीवरी पर जीरो ब्रोकरेज से निवेशकों की कितनी बचत, Zerodha का ये है कैलकुलेशन

Zerodha News: जीरोधा पर अभी इक्विटी डिलीवरी पर कोई ब्रोकरेज फीस नहीं देनी होती है। हालांकि हमेशा ऐसा नहीं था, पहले इस पर भी शुल्क लगता था। अब जीरोधा के सीईओ ने खुलासा कि जीरो ब्रोकरेज पॉलिसी से निवेशकों की कितनी बचत हुई। इसके अलावा उन्होंने निवेशकों और ट्रेडर्स को चार्जेज को नजरअंदाज नहीं करने की सलाह दी है और खास सुझाव भी दिए हैं

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Mar 22, 2025 पर 11:27 AM
इक्विटी डिलीवरी पर जीरो ब्रोकरेज से निवेशकों की कितनी बचत, Zerodha का ये है कैलकुलेशन
Zerodha News: जीरोधा के सीईओ नितिन कामत ने खुलासा किया है कि पिछले 10 साल में जीरो इक्विटी डिलीवरी के चलते निवेशकों को 2 हजार से लेकर 20000 करोड़ रुपये तक कहीं बचत हुई है।

Zerodha News: ब्रोकरेज फर्म जीरोधा पर इक्विटी की डिलीवरी लेने पर कोई ब्रोकरेज फीस नहीं लगती है। अब जीरोधा के सीईओ नितिन कामत ने खुलासा किया है कि इससे निवेशकों को कितनी बचत हुई है। सीईओ ने 21 मार्च को खुलासा किया कि पिछले 10 साल में इसके चलते निवेशकों को 2 हजार से लेकर 20000 करोड़ रुपये तक कहीं बचत हुई है। नितिन कामत का कहना है कि ऑप्शन्स के ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी गिरावट के चलते जीरोधा ने जीरो ब्रोकरेज पॉलिसी में बदलाव के भारी दबाव के बावजूद इसे बनाए रखा है।

दिसंबर 2015 में Zeordha ने जीरो किया था ब्रोकरेज फीस

जीरोधा पर अभी इक्विटी डिलीवरी पर कोई ब्रोकरेज फीस नहीं देनी होती है। हालांकि हमेशा ऐसा नहीं था, पहले इस पर भी शुल्क लगता था। जीरोधा ने इक्विटी डिलीवरी पर ब्रोकरेज फीस दिसंबर 2015 में जीरो किया था। उसके पहले कंपनी इस पर 0.1 फीसदी या 20 रुपये का शुल्क लेती थी। नितिन कामत ने एक ब्लॉगपोस्ट में लिखा कि बहुत सो लोगों को संदेह था कि यह लंबे समय के लिए होगा या थोड़े ही समय के लिए और नितिन के मुताबिक यह संदेह उन्हें खुद था। हालांकि धीरे-धीरे करके दस साल होने वाले हैं और कंपनी ने इस पॉलिसी को बनाए रखा। नितिन कामत के मुताबिक अगर कंपनी इसे जीरो न करती और 0.1 फीसदी (या 20 रुपये) या बिना कैप के 0.1 या 0.3% के मार्केट रैट पर चार्ज वसूलती तो निवेशकों को 2,000 करोड़ रुपये से 20,000 करोड़ रुपये तक का झटका लगता।

क्यों न करें इस चार्ज को नजरअंदाज?

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