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'जिंदगी का एक चक्कर हुआ पूरा', आखिर ऐसा क्यों कहा Zerodha के सीईओ Nithin Kamath ने

फाइनेंशियल सर्विसेज मुहैया कराने वाली जीरोधा (Zerodha) की इंवेस्टमेंट इकाई रेनमैटर (Rainmatter) ने कैपिटलमाइंड फाइनेंशियल सर्विसेज (Capitalmind Financial Services) में निवेश किया है। इसे लेकर जीरोधा के सीईओ नितिन कामत (Zerodha CEO Nithin Kamath) ने कहा कि जिंदगी का एक चक्कर पूरा हो गया। जानिए उन्होंने ऐसा क्यों कहा?

अपडेटेड Aug 09, 2025 पर 2:30 PM
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डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म जीरोधा (Zerodha) की इंवेस्टमेंट इकाई रेनमैटर (Rainmatter) ने दीपक शेनॉय की कैपिटलमाइंड फाइनेंशियल सर्विसेज (Capitalmind Financial Services) में निवेश किया है।

डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म जीरोधा (Zerodha) की इंवेस्टमेंट इकाई रेनमैटर (Rainmatter) ने दीपक शेनॉय की कैपिटलमाइंड फाइनेंशियल सर्विसेज (Capitalmind Financial Services) में निवेश किया है। यह सेबी के पास रजिस्टर्ड एक पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कंपनी है और इसकी नींव दीपक शेनॉय ने डाली थी। जीरोधा के सीईओ नितिन कामत ने इसकी जानकारी X (पूर्व नाम Twitter) पर दी है। इस खुलासे के साथ-साथ उन्होंने कहा कि कभी-कभी यह काल्पनिक लगता है कि जिंदगी कि प्रकार एक चक्कर पूरा कर लेता है। नितिन कामत के इस बयान का जीरोधा की शुरुआत से कनेक्शन है जिसका खुलासा खुद जीरोधा के सीईओ नितिन कामत ने किया है। जीरोधा की शुरुआत वर्ष 2010 में हुई थी जोकि वर्ष 2019 में यूनिकॉर्न बन गई। दीपक शेनॉय की पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कंपनी को हाल ही में म्यूचुअल फंड का लाइसेंस मिला था।

क्या है Zerodha से कनेक्शन?

नितिन कामत ने X (पूर्व नाम ट्विटर) पर खुलासा किया कि दीपक शेनॉय उन लोगों में से हैं, जिनके साथ उन्होंने जीरोधा शुरू करने के आइडिया का जिक्र किया था। नितिन कामत ने कहा कि जब जीरोधा की शुरुआत हुई थी, तो दीपक शेनॉय ने इसे अपना नाम दिया और जीरोधा की वेबसाइट पर अपना नाम सलाहकार के तौर पर दिखाने की मंजूरी दी। अब समय का पहिया घूमा है और जीरोधा की इंवेस्टमेंट इकाई रेनमैटक ने दीपक शेनॉय की कैपिटलमाइंड में निवेश किया है।


Capitalmind के सीईओ दीपक शेनॉय का भी आया रिस्पांस

जीरोधा के सीईओ नितिन कामत के ट्वीट पर कैपिटलमाइंड के सीईओ दीपक शेनॉय ने पुराने दिनों का जिक्र किया। उन्होंने नितिन कामत को निवेश के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्हें भरोसा नहीं हो रहा कि एक समय उनके पास जीरोधा को देने के लिए अपना खुद का नाम था। दीपक शेनॉय ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि गुड़गांव में वह अपनी हुंडई एक्सेंट में जीरोधा के शुरुआती फॉर्म लेकर घूमते थे और लोगों को बताते थे कि वह कितना ब्रोकरेज बचाएंगे।

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