ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन ने राफेल को लेकर AI के जरिए फैलाया झूठ! US रिपोर्ट में बड़ा दावा

अमेरिका में माना गया कि पीएम नरेंद्र मोदी की SCO समिट में शी जिनपिंग और पुतिन से मुलाकात, और अमेरिका द्वारा भारतीय सामान पर 50% टैरिफ लगाने जैसे मामलों के बाद, यह भारत की संतुलन बैठाने (hedging) की रणनीति का हिस्सा है

अपडेटेड Nov 19, 2025 पर 8:42 PM
Story continues below Advertisement
ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन ने राफेल को लेकर AI के जरिए फैलाया झूठ! US रिपोर्ट में बड़ा दावा

भारत-चीन रिश्तों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा था, खासकर शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट के बाद। लेकिन इसी दौरान अमेरिका की एक सलाहकार संस्था ने चीन पर नए आरोप लगाए हैं। अमेरिका की यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमिशन ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि चीन ने भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की।

रिपोर्ट के अनुसार चीन ने फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स और AI से बनी फेक तस्वीरों का इस्तेमाल किया। इन तस्वीरों में दिखाया गया कि भारतीय और फ्रांस के लड़ाकू विमान चीन के हथियारों से तबाह हुए हैं।

चीन ने क्यों किया ऐसा?


इसका मकसद था कि फ्रांस के राफेल जेट की छवि खराब हो और चीन का नया J-35 फाइटर जेट ज्यादा लोकप्रिय हो जाए। रिपोर्ट में कहा गया कि यह सब चीन की 'ग्रे जोन स्ट्रैटेजी' का हिस्सा है, यानी बिना युद्ध किए प्रचार और भ्रम से अपना फायदा लेना।

कमिशन ने यह भी कहा कि चीन ने मई में भारत-पाकिस्तान तनाव के समय अपने हथियारों को ‘बेहद आधुनिक’ बताकर प्रचार करने की कोशिश की। इससे चीन अपने हथियारों की बिक्री बढ़ाना चाहता था और भारत के साथ सीमा विवाद में अपनी स्थिति मजबूत दिखाना चाहता था।

ऑपरेशन सिंदूर क्या था?

भारत ने अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मई में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसमें भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ढांचे और सैन्य ठिकानों पर हमला किया।

अगस्त में वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने बताया कि भारत ने 5 पाकिस्तानी फाइटर जेट और एक बड़ा सर्विलांस एयरक्राफ्ट नष्ट किया। इससे भारत की सैन्य ताकत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत हुई।

भारत-चीन के संबंध

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर सोच में बड़ा फर्क है। चीन बातचीत और व्यापार को आगे बढ़ाते हुए सीमा मुद्दे को अलग रखने की रणनीति अपनाता है। लेकिन भारत का कहना है कि सीमा विवाद सुलझे बिना रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते।

रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों के बीच हुए हाल के समझौते कागज़ों तक सीमित हैं, उनमें आगे बढ़ने का कोई ठोस तरीका नहीं है।

दलाई लामा के उत्तराधिकारी का मुद्दा

रिपोर्ट में कहा गया कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर भविष्य में भारत-चीन तनाव बढ़ सकता है, क्योंकि दोनों देशों की स्थिति इस मुद्दे पर अलग है।

भारत, चीन और अमेरिका- तीनों के रिश्ते

कमिशन ने लिखा कि यह साफ नहीं है कि भारत और चीन के मौजूदा कूटनीतिक प्रयास लंबे समय तक स्थिर रहेंगे या नहीं।

अमेरिका में माना गया कि पीएम नरेंद्र मोदी की SCO समिट में शी जिनपिंग और पुतिन से मुलाकात, और अमेरिका द्वारा भारतीय सामान पर 50% टैरिफ लगाने जैसे मामलों के बाद, यह भारत की संतुलन बैठाने (hedging) की रणनीति का हिस्सा है।

दूसरी तरफ, भारत-अमेरिका रिश्ते हाल में थोड़ा स्थिर हुए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच एक नए व्यापार समझौते का पहला चरण घोषित होगा।

Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाक नेता का 'बड़ा कबूलनामा', पाकिस्तान का आतंक को समर्थन हुआ बेनकाब

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।