एक लैपटॉप, DNA सैंपल और अमेरिका में 8 साल पुराने डबल मर्डर की मिस्ट्री ऐसे सुलझी, वारदात के बाद हमीद भाग आया था इंडिया

जांच अधिकारियों ने संदिग्ध की पहचान नजीर हमीद के रूप में की, जो कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजीज में शशिकला के पति का सहकर्मी है। हत्या के समय हमीद, न्यू जर्सी के मैपल शेड में रहता था, जो पीड़ितों के घर से काफी नजदीक है। बर्लिंगटन काउंटी के जांचकर्ताओं के अनुसार, मार्च 2017 में हुई हत्याओं के तुरंत बाद हमीद भारत भाग गया था

अपडेटेड Nov 19, 2025 पर 7:13 PM
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एक लैपटॉप, DNA सैंपल और अमेरिका में 8 साल पुराने डबल मर्डर की मिस्ट्री ऐसे सुलझी

अमेरिका में अधिकारियों ने एक भारतीय नागरिक के खिलाफ आरोप दायर किए हैं। यह मामला आंध्र प्रदेश की महिला शशिकला नर्रा और उनके छह साल के बेटे अनीश की हत्या से जुड़ा है। आठ साल पहले न्यू जर्सी में उनके अपार्टमेंट में दोनों मां-बेटे की निर्मम हत्या कर दी गई थी, जिसकी गुत्थी अब सुलझी है। पुलिस को सफलता तब मिली जब जांचकर्ताओं ने कंपनी से इश्यू हुए लैपटॉप से DNA सैंपल लिया और उसकी जांच वारदात वाली जगह पर मिले खून से किया, जो मैच हो गया।

जांच अधिकारियों ने संदिग्ध की पहचान नजीर हमीद के रूप में की, जो कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजीज में शशिकला के पति का सहकर्मी है। हत्या के समय हमीद, न्यू जर्सी के मैपल शेड में रहता था, जो पीड़ितों के घर से काफी नजदीक है।

बर्लिंगटन काउंटी के जांचकर्ताओं के अनुसार, मार्च 2017 में हुई हत्याओं के तुरंत बाद हमीद भारत भाग गया था और तब से वहीं रह रहा है। वारदात के दौरान वह अमेरिका में वीजा पर काम कर रहा था।


हाल ही में हमीद की कंपनी की ओर से जारी लैपटॉप से ​​लिए गए DNA सैंपल को अदालत के आदेश के बाद अमेरिकी अधिकारियों को भेजा गया, जो घटना स्थल से बरामद एक अनजान खून की बूंद से मेल खाता था।

इस DNA मैचिंग से अभियोजकों को औपचारिक रूप से उस पर हत्या और संबंधित अपराधों का आरोप लगाने और भारत से वापस कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मिल गई।

क्या था पूरा मामला?

23 मार्च 2017 को, शशिकला के पति, हनु नर्रा, घर लौटे तो उन्होंने देखा कि उनकी पत्नी और छोटे बेटे की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। दोनों पीड़ितों को चाकू के कई घाव थे। उनके शरीर पर कुछ ऐसी चोटें के निशान भी थे, जो उन्हें अपना बचाव करते वक्त लगी होगी।

जांच के दौरान पुलिस ने घटनास्थल पर खून के ऐसे दाग पाए, जो नर्रा परिवार के किसी सदस्य से मेल नहीं खाते थे। इस खोज ने शुरुआती जांच में हनु नर्रा को संदिग्धों से बाहर कर दिया।

हमीद को संदिग्ध व्यक्ति के रूप में पहचाना गया, क्योंकि अधिकारियों को पता चला कि पहले भी उस पर हनु का पीछा करने का आरोप लगा था। हत्या के छह महीने बाद हमीद भारत लौट आया, लेकिन वह कॉग्निजेंट कंपनी के लिए रिमोटली काम करता रहा।

भारत में जब उससे संपर्क किया गया, तो हमीद ने जांचकर्ताओं को DNA सैंपल देने से इंकार कर दिया। इसके बाद 2024 में एक कोर्ट ऑर्डर के जरिए कॉग्निजेंट से उसके कंपनी लैपटॉप को जब्त किया गया।

फोरेंसिक एक्सपर्ट ने उस लैपटॉप से DNA निकाला और पाया कि ये वही DNA है, जो अपराध स्थल से लिए गए खून के सैंपल से मेल खाता है।

जांचकर्ताओं का मानना है कि हमीद ने डिजिटल ट्रैसेस को छुपाने के लिए अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का इस्तेमाल किया। पुलिस के अनुसार, हत्या के पीछे का मकसद साफ नहीं है, लेकिन संभावित वजह हनु नर्रा के खिलाफ व्यक्तिगत दुश्मनी हो सकती है।

अमेरिका की एजेंसियां हमीद को भारत से प्रत्यर्पित कराने के लिए भारत की न्याय विभाग के साथ सहयोग कर रही हैं।

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