Black Monday: ट्रेड वार की गहराती आशंकाओं के बीच दुनिया भर के मार्केट धड़ाम से गिर गए हैं। मार्केट में कितना कोहराम मचा हुआ है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि हॉन्गकॉन्ग का हैंग सेंग (Hong Seng) और ताइवान के ताइवान वेटेड (Taiwan Weighted) करीब 10-10 फीसदी टूट गए हैं। मेनलैंड चाइना की भी स्थिति अच्छी नहीं है और यहां का CSI 300 इंडेक्स 6 फीसदी से अधिक नीचे आ गया है। जापान का निक्केई इंडेक्स करीब 7 फीसदी और सिंगापुर का स्ट्रेट टाइम्स 7 फीसदी से अधिक टूट गया है।
अमेरिकी और यूरोपीय मार्केट में भी हाहाकार
इन सबकी शुरुआत जिस अमेरिका यानी अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ से हुई है, वहां भी हाहाकार मचा हुआ है और नास्डाक और एसएंडपी 500 करीब 6 फीसदी टूटकर बंद हुए हैं। यूरोपीय मार्केट में भी स्थिति अच्छी नहीं है। यूके का एफटीएसई 100 इंडेक्स करीब 6 फीसदी, फ्रांस का सीएसी 40 इंडेक्स करीब 5 फीसदी और जर्मनी का डीएएक्स इंडेक्स करीब 5 फीसदी फिसल गया है।
भारतीय मार्केट की क्या है स्थिति?
अब इंडियन मार्केट की बात करें तो यहां भी स्थिति भयावह दिख रही है। गिफ्ट निफ्टी 4 फीसदी से अधिक नीचे आ गया है। प्री-मार्केट में घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) भी 5 फीसदी से अधिक फिसल गए हैं।
शेयर मार्केट की दुनिया में 19 अक्टूबर 1987 को सबसे बुरा दिन माना जाता है। उस दिन डाऊ जोन्स इंट्रा-डे में 22 फीसदी से अधिक गिर गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते दुनिया भर में एक बार फिर ऐसी ही गिरावट की आशंका ने चिंतित कर दिया है। CNBC के 'मैड मनी' होस्ट और हार्वर्ड लॉ ग्रेजुएट जिम क्रैमर (Jim Cramer) ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्लोबल ट्रेड वॉर के संकट को नहीं सुलझाया, तो बाजार में बड़ी तबाही हो सकती है।