कई सालों से चीन और पाकिस्तान की दोस्ती को "आयरन ब्रदरहुड" यानी लोहे जैसी मजबूत कहा जाता रहा है। लेकिन अब इस रिश्ते में हल्की दरारें नजर आ रही हैं। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भारत की सख्त प्रतिक्रिया के बाद सबकी नजर चीन के रुख पर टिक गई थी। लेकिन चीन ने इस बार न तो पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया और न ही भारत की सीधे आलोचना की।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन (China) का यह बदला हुआ रवैया कोई संयोग नहीं है। इसके पीछे कई रणनीतिक कारण हैं। आइए जानते हैं वे 7 मुख्य वजहें, जिनके चलते चीन अब पाकिस्तान (Pakistan) के साथ पूरी तरह खड़ा नहीं हो रहा:
1. भारत के साथ बड़ा व्यापार
भारत और चीन के बीच हर साल 140 अरब डॉलर से ज्यादा का व्यापार होता है। अगर चीन भारत से टकराव बढ़ाता है, तो उसकी खुद की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान होगा। चीन जानता है कि भारत उसका एक बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसे वह खोना नहीं चाहता।
2. सीमा पर शांति बनाए रखना
2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद भारत और चीन दोनों ने सीमा पर तनाव कम करने की कोशिश की है। अगर चीन पाकिस्तान के आतंकी एजेंडे का समर्थन करता है, तो इससे भारत के साथ फिर टकराव बढ़ सकता है, जिससे सीमा पर शांति खत्म हो सकती है।
3. ग्लोबल साउथ में नेतृत्व की कोशिश
चीन खुद को विकासशील देशों के नेता के रूप में पेश करना चाहता है। वह शांति और स्थिरता की बात करता है। ऐसे में पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देना उसकी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।
4. बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट की सुरक्षा
चीन ने पाकिस्तान में अरबों डॉलर की निवेश किया है, जैसे कि चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC)। पाकिस्तान में आतंकवाद पहले से ही इन प्रोजेक्ट के लिए खतरा है। अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है, तो चीन का ये निवेश बर्बाद हो सकता है।
5. सीधी टक्कर की बजाय चालाकी से काम
चीन की नीति है कि वह सीधे टकराव से बचता है और छिपे तौर पर दबाव बनाता है। वह पाकिस्तान को हथियार बेचता है, UN में समर्थन देता है, लेकिन भारत को खुली चुनौती नहीं देता। इससे वह भारत से सीधे संघर्ष से बचा रहता है।
चीन एक तरफ दुनिया में आतंकवाद का विरोध करता है, लेकिन दूसरी तरफ वह पाकिस्तान के आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगने से रोकता है। इससे वह दुनिया को दिखाता है कि वह शांति चाहता है, और पाकिस्तान को भी भरोसे में रखता है।
7. भारत-अमेरिका की बढ़ती नजदीकी
भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी बढ़ रही है, जैसे कि QUAD जैसी पहलें। चीन को डर है कि अगर वह पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करेगा, तो भारत और ज्यादा अमेरिका के नजदीक चला जाएगा। इससे एशिया में चीन की ताकत कम हो सकती है।