अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सेमीकंडक्टर पर टैरिफ को लेकर नई घोषणा कर सकते हैं। वह सोमवार को इस बारे में अपने प्रशासन की अप्रोच पर अपडेट देंगे। रॉयटर्स के मुताबिक, रिपोर्टर्स के सवालों के जवाब में ट्रंप ने कहा, "मैं आपको सोमवार को इसका जवाब दूंगा।" फिलहाल तो अमेरिकी प्रशासन ने सेमीकंडक्टर और फार्मास्यूटिकल्स सहित कई क्षेत्रों को रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट दे रखी है। लेकिन ट्रंप पहले संकेत दे चुके हैं कि वह अभी भी इन पर टैरिफ लागू करने का प्लान कर रहे हैं।
एक दिन पहले खबर आई कि स्मार्टफोन, कंप्यूटर और यहां तक कि सेमीकंडक्टर/चिप भी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के दायरे में नहीं आएंगे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा विभाग के नए दिशा-निर्देशों में ऐसा कहा गया है। रेसिप्रोकल टैरिफ से बाहर रखे गए HSN कोड्स में स्मार्टफोन, कंप्यूटर/लैपटॉप, टेलिकॉम इक्विपमेंट, चिपमेकिंग मशीनरी, रिकॉर्डिंग डिवाइस, डेटा प्रोसेसिंग मशीन और प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली, वायरलेस ईयरफोन, राउटर्स सहित कई टेक प्रोडक्ट शामिल हैं।
CNBC की रिपोर्ट में कहा गया कि नए टैरिफ गाइडेंस के तहत अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और कंपोनेंट्स को भी टैरिफ से बाहर रखा गया है। इनमें सेमीकंडक्टर, सोलर सेल, फ्लैट पैनल टीवी डिस्प्ले, फ्लैश ड्राइव, मेमोरी कार्ड और डेटा स्टोरेज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सॉलिड-स्टेट ड्राइव शामिल हैं।
टेक कंपनियों के लिए बड़ा बूस्ट
स्मार्टफोन और अन्य कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स को रेसिप्रोकल टैरिफ से बाहर रखा जाना बिग टेक कंपनियों जैसे Apple, Nvidia और Microsoft के लिए एक बड़ा बूस्ट है। हालांकि व्हाइट हाउस ने अभी तक नए गाइडेंस पर कोई कमेंट नहीं किया है। एपल जैसी टेक कंपनियों के ज्यादातर प्रोडक्ट चीन में बनते हैं और अमेरिका आने वाले चीनी सामान पर रेसिप्रोकल टैरिफ की दर बढ़कर 125 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ और 20 प्रतिशत टैरिफ अलग से हैं, जो फेंटेनाइल ड्रग की सप्लाई चेन में चीन की कथित बड़ी भूमिका को लेकर अमेरिका ने इस साल की शुरुआत में लगाए थे। इस तरह चीन पर अमेरिका की ओर से नए टैरिफ का कुल आंकड़ा 145 प्रतिशत है।