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चांद पर भी आता है भूकंप, जिससे हुए कई भूस्खलन, चीन के वैज्ञानिकों की बड़ी खोज

स्टडी में बताया गया कि अपोलो मिशनों के दौरान चांद पर हल्के भूकंप (Moonquakes) दर्ज हुए थे। लेकिन पारंपरिक भूवैज्ञानिक मान्यता यह थी कि चांद के भीतर की गतिविधियां लगभग रुक चुकी हैं। इसी कारण चांद पर भूकंप के खतरों का आकलन ज्यादा नहीं किया गया था

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 21, 2025 पर 10:04 PM
चांद पर भी आता है भूकंप, जिससे हुए कई भूस्खलन, चीन के वैज्ञानिकों की बड़ी खोज
चांद पर भी आता है भूकंप, जिससे हुए कई भूस्खलन, चीन के वैज्ञानिकों की बड़ी खोज

चीन के वैज्ञानिकों ने पाया है कि चांद पर भूस्खलन हो रहे हैं, जो चांद पर आए भूकंप के कारण होते हैं। ये नई खोजें भविष्य में चांद पर स्थिर स्थानों का चयन करने में मदद करेंगी, क्योंकि चीन 2035 तक चांद के दक्षिणी ध्रुव इलाके में एक रिसर्च सेंटर बनाने करने की योजना बना रहा है। सन यत-सेन यूनिवर्सिटी, फुजो यूनिवर्सिटी और शंघाई नॉर्मल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने नेशनल साइंस रिव्यू में 11 सितंबर को ये परिणाम प्रकाशित किए। वैज्ञानिकों ने 2009 से अब तक चांद पर 41 नए भूस्खलन की पहचान की, जो 74 अस्थिर क्षेत्रों की 562 पुरानी और नई तस्वीरों की तुलना करके की गई थी।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि जबकि 30 प्रतिशत नए भूस्खलन कुछ नई हुई घटनाओं से पैदा हुए थे, ज्यादातर चांद के भीतर से पैदा हुई चंद्रभूकंपों (Moon Quakes) के कारण हुए थे।

स्टडी में बताया गया कि अपोलो मिशनों के दौरान चांद पर हल्के भूकंप (Moonquakes) दर्ज हुए थे। लेकिन पारंपरिक भूवैज्ञानिक मान्यता यह थी कि चांद के भीतर की गतिविधियां लगभग रुक चुकी हैं। इसी कारण चांद पर भूकंपीय खतरों का आकलन ज्यादा नहीं किया गया था।"

पृथ्वी पर आने वाले भूकंप कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक रहते हैं, लेकिन चांद पर आने वाले भूकंप (Moonquakes) कई घंटों तक चलते हैं। इतना समय किसी भी इमारत को हिला देने, गिरा देने या रॉकेट लॉन्च करने वाले वाहनों को अस्थिर करने के लिए काफी है। इनके कारण भूस्खलन भी हो सकता है, जिससे चांद पर कदम रखने वाले अंतरिक्षयात्रियों की जान को खतरा हो सकता है।

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