Floods News: इंडोनेशिया, श्रीलंका और थाईलैंड में पिछले हफ्ते आई भयानक बाढ़-बारिश और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 1,200 से अधिक हो गई है। जबकि 800 से अधिक लोग लापता हैं। इमरजेंसी टीम मंगलवार, 2 दिसंबर को जिंदा बचे लोगों तक पहुंचने और शव निकालने में जुटी हुई है। पड़ोसी श्रीलंका में बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण मारे गए लोगों की संख्या सोमवार 1 दिसंबर की शाम छह बजे तक बढ़कर 390 हो गई। जबकि 352 लोग लापता हैं। कैंडी जिले में सर्वाधिक 88 लोगों की मौत की जानकारी मिली। इसके बाद बादुल्ला में 82 और नुवारा एलिया में 75 लोगों की जान गई।
कई दिनों तक हुई भारी बारिश ने बड़े इलाकों को पानी में डुबो दिया है। इससे हजारों लोग फंस गए हैं। कई लोग मदद के लिए छतों पर इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को न्यूज एजेंसी AFP को बताया कि श्रीलंका, इंडोनेशिया और थाईलैंड में बाढ़ एवं लैंडस्लाइड से कम से कम 1,230 लोगों की मौत हुई है। इसमें इंडोनेशिया में 659, श्रीलंका में 390 और थाईलैंड में 181 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
इंडोनेशिया सबसे अधिक प्रभावित देश है। बचाव दल सुमात्रा द्वीप के गांवों तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वहां सड़कें बह गई हैं। पुल टूट गए हैं। इंडोनेशिया की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी के अनुसार, कम से कम 475 लोग अभी भी लापता हैं। हेलीकॉप्टर और नावों को तैनात किया गया है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि खराब मौसम और खराब इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से ऑपरेशन धीमा चल रहा है।
डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर ने मंगलवार को कहा कि श्रीलंका में मिलिट्री की रेस्क्यू टीमें साइक्लोन दितवाह से आई बाढ़ और लैंडस्लाइड में लापता 352 लोगों की तलाश में तबाह हुए इलाकों में लगातार सर्च कर रही हैं। लेकिन कई जगहों पर सड़कें ब्लॉक होने, भूस्खलन होने और पुल गिरने की वजह से पहुंचना एक चुनौती बनी हुई है।
दक्षिणी थाईलैंड में भारी बाढ़ से 15 लाख से अधिक घरों पर असर पड़ने के बाद सड़कों और इमारतों में सफाई शुरू हो गई है। अधिकारी पानी और बिजली समेत इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक करने के लिए काम कर रहे हैं।
थाईलैंड के गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि सरकार प्रभावित लोगों को ताजा पका हुआ खाना देने के लिए 'पब्लिक किचन' बनाएगी। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के कार्यालय ने घोषणा की है कि चक्रवात 'दित्वा' के कारण आई भीषण बाढ़ एवं भूस्खलन से मची तबाही से उबरने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ एक विशेष कोष स्थापित किया जाएगा।
कोष बनाने के लिए सरकार ने वर्ल्ड बैंक के साथ बातचीत शुरू की है। ताकि विभिन्न क्षेत्रों में हुए नुकसान का विस्तृत मूल्यांकन किया जा सके। सरकार ने वर्ल्ड बैंक से मदद की अपील की है। दिसानायके ने कहा कि नुकसान की गंभीरता ऊपरी तौर पर दिख रही तबाही से कहीं अधिक है। भारत सरकार भी लगातार श्रीलंका का सहयोग कर रहा है।