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Sundar Pichai: गूगल-अल्फाबेट की कमाई से भर रही CEO सुंदर पिचाई की झोली, $1.1 बिलियन नेट वर्थ के साथ बने अरबपति

Sundar Pichai: भले ही सुंदर पिचाई साल 1998 में कंपनी के स्थापना के समय हिस्सा नहीं थे, लेकिन इस महीने वह इसके सबसे लंबे समय तक बने रहने वाले CEO बन गए हैं। अगस्त में उन्हें यह पद संभाले हुए 10 साल पूरे हो जाएंगे। सुंदर पिचाई की कंपनी में 0.02% आर्थिक हिस्सेदारी है

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड Jul 24, 2025 पर 11:29 PM
Sundar Pichai: गूगल-अल्फाबेट की कमाई से भर रही CEO सुंदर पिचाई की झोली, $1.1 बिलियन नेट वर्थ के साथ बने अरबपति
1993 में जब पिचाई को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन स्कॉलरशिप मिली, तो उनके परिवार ने कैलिफोर्निया की हवाई टिकट खरीदने के लिए उनके पिता की वार्षिक सैलरी से ज्यादा खर्च किए थे

CEO Sundar Pichai: गूगल की पैरेंट की कंपनी अल्फाबेट इंक. ने हाल के सालों में बंपर कमाई की है। 2023 की शुरुआत से अब तक कंपनी ने अपने मार्केट वैल्यू में $1 ट्रिलियन से ज्यादा की बढ़ोतरी की हैं और निवेशकों को करीब 120% का रिटर्न दिया है। कंपनी के इस जबरदस्त उछाल ने CEO सुंदर पिचाई को अरबपति बना दिया है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, अल्फाबेट के शेयर ऑल-टाइम हाई के करीब पहुंचने के साथ 53 वर्षीय सुंदर पिचाई की संपत्ति अब $1.1 बिलियन हो गई है। यह किसी ऐसे CEO के लिए एक अनोखी उपलब्धि है, जिसने कंपनी की स्थापना नहीं की हो। बता दें कि टेक इंडस्ट्री में मार्क जुकरबर्ग (मेटा) और जेन्सेन हुआंग (एनवीडिया) जैसे शीर्ष अधिकारी अपनी कंपनियों में संस्थापक के रूप में अपनी इक्विटी हिस्सेदारी के कारण अरबपति बने हैं।

भले ही सुंदर पिचाई साल 1998 में कंपनी के स्थापना के समय हिस्सा नहीं थे, लेकिन इस महीने वह इसके सबसे लंबे समय तक बने रहने वाले CEO बन गए हैं। अगस्त में उन्हें यह पद संभाले हुए 10 साल पूरे हो जाएंगे। सुंदर पिचाई की कंपनी में 0.02% आर्थिक हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत लगभग $440 मिलियन है, जबकि उनकी अधिकांश संपत्ति नकदी के रूप में है। उन्होंने पिछले एक दशक में $650 मिलियन से अधिक मूल्य के अल्फाबेट शेयर बेचे हैं।

साधारण पृष्ठभूमि से शिखर तक का सफर

तमिलनाडु के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे पिचाई दो कमरों के अपार्टमेंट में पले-बढ़े। उनके परिवार के पास कार नहीं थी और 12 साल की उम्र में पहली बार उनके घर टेलीफोन आया था। 1993 में जब पिचाई को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन स्कॉलरशिप मिली, तो उनके परिवार ने कैलिफोर्निया की हवाई टिकट खरीदने के लिए उनके पिता की वार्षिक सैलरी ($1,000) से ज्यादा खर्च किए थे।

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