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India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील लगभग फाइनल, व्हाइट हाउस ने बताया ट्रंप कब देंगे खुशखबरी

India-America Trade Deal: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि भारत के साथ एक बहुत बड़ा ट्रेड डील होने वाला है। उन्होंने दोनों देशों के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की वार्ता प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत दिया। व्हाइट हाउस ने मंगलवार (1 जुलाई) को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील अंतिम रूप देने के करीब है

अपडेटेड Jul 01, 2025 पर 8:48 AM
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India-America Trade Deal: भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर व्हाइट हाउस ने कहा कि समझौतों को अंतिम रूप दिया जा रहा है

India-America Trade Deal News: भारत और अमेरिका के बीच होने वाले ट्रेड डील को लेकर एक बहुत ही बड़ी खबर सामने आई है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत-अमेरिका के बीच जल्द ही ट्रेड डील का आधिकारिक ऐलान होगा। व्हाइट हाउस के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप डील को अंतिम रूप दे रहे हैं। इस दौरान व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संबंध बहुत अच्छे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि भारत के साथ एक बहुत बड़ा ट्रेड डील होने वाला है। उन्होंने दोनों देशों के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की वार्ता प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत दिया।

ट्रंप के इस बयान के एक सप्ताह बाद व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने मंगलवार (1 जुलाई) को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील अंतिम रूप देने के करीब है। इस संबंध में जल्द ही औपचारिक घोषणा की जाएगी। लेविट ने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं और यह आगे भी जारी रहेगा।

कैरोलिन लेविट ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिए जाने और जल्द ही इस पर कोई घोषणा किए जाने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, "हां, राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह कहा था (कि अमेरिका और भारत ट्रेड डील के बहुत करीब हैं), और यह सच है। मैंने अभी-अभी हमारे वाणिज्य सचिव से इस बारे में बात की है। वह राष्ट्रपति के साथ ओवल ऑफिस में थे। वे इन समझौतों को अंतिम रूप दे रहे हैं और जब भारत की बात आएगी तो आप बहुत जल्द राष्ट्रपति और उनकी व्यापार टीम से सुनेंगे।"


ट्रंप पहले ही कर चुके हैं ऐलान

ट्रंप ने पिछले सप्ताह व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा था, "हमारे पास कुछ बेहतरीन समझौते हैं। हम एक और समझौता करने जा रहे हैं, संभवत: भारत के साथ। बहुत बड़ा..." ट्रंप ने कहा, "चीन समझौते में हम चीन के लिए द्वार खोलने की शुरुआत कर रहे हैं। ऐसी चीजें जो वास्तव में कभी नहीं हुईं...सभी देशों के साथ संबंध बहुत अच्छे हैं।" राष्ट्रपति ने हालांकि चीन के साथ हुए समझौते के डिटेल्स के बारे में विस्तार से नहीं बताया।

उन्होंने कहा कि हर देश समझौता करना चाहता है। इसका हिस्सा बनना चाहता है। उनके प्रशासन के अधिकारी देशों के साथ समझौते करने के लिए अतिरिक्त मेहनत कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा, "याद कीजिए , कुछ महीने पहले, मीडिया कह रहा था, क्या वाकई कोई ऐसा (देश) है जो इसमें दिलचस्पी रखता हो? खैर, हमने कल ही चीन के साथ समझौता किया है। हम कुछ बेहतरीन समझौते कर रहे हैं।"

राष्ट्रपति ने कहा, "हम हर किसी के साथ समझौता नहीं करने जा रहे हैं। कुछ लोगों को हम बस एक पत्र भेजकर कहेंगे कि आपका बहुत-बहुत धन्यवाद... आप 25, 35, 45 प्रतिशत का भुगतान करेंगे। यह एक आसान तरीका है लेकिन मेरे लोग इसे इस तरह से नहीं करना चाहते हैं। वे इसको लेकर कुछ करना चाहते हैं। समझौते करने की ललक उनमें मुझसे भी अधिक है।"

9 जुलाई से पहले हो जाएगा समझौता

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में एक भारतीय दल, अमेरिका के साथ अगले दौर की व्यापार वार्ता के लिए पिछले सप्ताह वाशिंगटन पहुंचा। दोनों देश अंतरिम व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं। 9 जुलाई से पहले समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश में हैं।

अमेरिका ने उसके द्वारा दो अप्रैल को घोषित हाई टैरिफ को 9 जुलाई तक के लिए निलंबित किया है। भारत के लिए कृषि और दुग्ध क्षेत्र अमेरिका को शुल्क रियायतें देने के लिए कठिन और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र हैं। भारत ने अब तक हस्ताक्षरित किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में दुग्ध क्षेत्र को नहीं खोला है।

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अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, मोटर वाहन विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहनों, वाइन, पेट्रोरसायन उत्पादों, दुग्ध तथा कृषि उत्पादों जैसे सेब, वृक्ष गिरी तथा आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क रियायत चाहता है। भारत प्रस्तावित व्यापार समझौते में कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले जैसे क्षेत्रों के लिए शुल्क रियायत की मांग कर रहा है।

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