India-Azerbaijan Trade Explainer: भारत अजरबैजानी कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा खरीदार है। अजरबैजान से भारत को होने वाले कुल निर्यात में कच्चे तेल का हिस्सा 98 प्रतिशत है। यही वजह है कि तुर्किये उत्पादों पर स्वैच्छिक प्रतिबंध लगाने की तुलना में अजरबैजान के साथ व्यापार का तत्काल बहिष्कार करना आसान हो सकता है।
भारत और अजरबैजान के द्विपक्षीय संबंधों में हालिया घटनाक्रम के चलते तनाव बढ़ रहा है। इसका व्यापार और पर्यटन पर प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है। दरअसल, अजरबैजान ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर के विरोध में पाकिस्तान का समर्थन किया था। इससे भारत में अजरबैजान का विरोध तेज हो गया है। व्यापारिक संगठन और नागरिक अजरबैजान और तुर्की के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं।
अजरबैजान से तेल आयात बंद करना मुमकिन है?
अजरबैजान भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाले प्रमुख देशों में शामिल है। 2023 में भारत ने अजरबैजान से $1.227 बिलियन का कच्चा तेल आयात किया। यह 2024 में घटकर $733.09 मिलियन रह गया। बेशक तेल आयात में गिरावट आई है, फिर भी अजरबैजान भारत की ऊर्जा आपूर्ति रणनीति में अहम बना हुआ है।
भारत-अजरबैजान व्यापार का 98% हिस्सा सिर्फ क्रूड ऑयल से जुड़ा है। एक्सपर्ट के अनुसार, तेल आपूर्ति में किसी भी तरह की अड़चन भारत की विविधता वाली ऊर्जा रणनीति को प्रभावित कर सकती है।
अजरबैजान के पर्यटन उद्योग में भारत की हिस्सेदारी
अजरबैजान जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ी है। 2024 में 2.43 लाख भारतीय सैलानी अजरबैजान गए, जबकि 2014 में यह संख्या महज 4,853 थी। 2023 में यह आंकड़ा 1.17 लाख था।
ट्रैवल कंपनी MakeMyTrip के अनुसार, बीते सप्ताह में अजरबैजान और तुर्की के लिए बुकिंग्स में 60% की गिरावट और 250% अधिक कैंसलेशन दर्ज किए गए हैं।
भारत से अजरबैजान को क्या निर्यात होता है?
2024–25 के अप्रैल से फरवरी तक भारत ने अजरबैजान को $86.07 मिलियन का सामान निर्यात किया। यह पिछले साल के $89.67 मिलियन से थोड़ा कम है। आइए जानते हैं कि भारत से अजरबैजान किन चीजों का आयात करता है:
सांस्कृतिक संबंधों पर भी असर
अजरबैजान हाल के वर्षों में भारतीय फिल्मों और विज्ञापन शूटिंग के लिए एक नया लोकेशन बनकर उभरा है। अब तक 30 से अधिक फिल्में और विज्ञापन यहां शूट किए जा चुके हैं। मौजूदा हालात के चलते यह सांस्कृतिक सहयोग भी प्रभावित हो सकता है।
व्यापारिक संगठनों ने बहिष्कार की अपील की
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने अजरबैजान और तुर्की के प्रति सख्त रुख अपनाया है। उसने भारतीय व्यापारियों और नागरिकों से इन दोनों देशों की यात्रा न करने और उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की है। संगठन के अनुसार, अगर भारतीय पर्यटक अजरबैजान की यात्रा बंद कर दें, तो वहां के पर्यटन, शादी, मनोरंजन और साहसिक गतिविधियों पर सीधा असर पड़ेगा।
CAIT के महासचिव और चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “एक भारतीय पर्यटक औसतन 2,170 अजरबैजानी मनेट ($1,276) खर्च करता है। ऐसे में यह बहिष्कार अजरबैजान की अर्थव्यवस्था के लिए लगभग $308.6 मिलियन के सीधे नुकसान का कारण बन सकता है।”