तुर्किये-अजरबैजान को भारी पड़ रहा 'भारत' का विरोध; बॉयकॉट ट्रेंड ने पकड़ा जोर, MakeMyTrip पर 250% बढ़ा ट्रिप कैंसलेशन
तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ सोशल मीडिया पर शुरू हुए बॉयकाट कैंपेन का असर अब ट्रैवल सेक्टर में दिख रहा है। MakeMyTrip पर इन देशों की बुकिंग्स में 60% गिरावट और कैंसलेशन में 250% उछाल आया है।
तुर्किये और अजरबैजान ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' की आलोचना की थी।
तुर्किये और अजरबैजान की ट्रिप बुक करने वाले बहुत-से यात्री अब अपने ट्रैवल प्लान को कैंसल कर रहे हैं। दरअसल, इन दोनों देशों ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था। इससे पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर दोनों देशों के खिलाफ बॉयकाट ट्रेंड शुरू हो गया। इसका बॉयकाट कैंपेन का अब देश की प्रमुख ट्रैवल बुकिंग साइट्स पर साफ नजर आने लगे हैं।
भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग कंपनी MakeMyTrip (MMT) ने 14 मई को जारी बयान में बताया कि पिछले सात दिनों में तुर्किये और अजरबैजान के लिए बुकिंग्स में 60% की गिरावट आई है। वहीं, जबकि कैंसलेशन (cancellations) में 250% का उछाल देखा गया है।
MakeMyTrip ने क्या कहा?
MakeMyTrip ने कहा, "भारतीय यात्रियों ने पिछले हफ्ते से तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ कड़ा आक्रोश दिखाया है। हम देश और अपने सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान के साथ इस भावना का समर्थन करते हैं। हमने तुर्किये और अजरबैजान के लिए सभी प्रचार अभियानों और छूट ऑफर्स को बंद कर दिया है।"
हालांकि MMT ने इन दोनों देशों के लिए फ्लाइट की बुकिंग पूरी तरह बंद नहीं की है, लेकिन कंपनी ने यात्रियों को इन देशों की गैर-जरूरी यात्रा से परहेज करने की सलाह दी है।
EaseMyTrip ने भी उठाया कदम
दूसरी ओर, EaseMyTrip के को-फाउंडर निशांत पिट्टी ने भी 9 मई को तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा से बचने की अपील की थी। इसके बाद से प्लेटफॉर्म पर तुर्किये के लिए 22% और अजरबैजान के लिए 30% तक बुकिंग कैंसल हुई हैं।
पिट्टी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि देशहित को निजी फायदे से ऊपर रखना चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब सेलेब्रिटी चाइनीज प्रोडक्ट और वेबसाइट का प्रचार करते हैं, तब आम जनता को भी सोच-समझकर अपने विकल्प चुनने चाहिए।
EaseMyTrip ने स्पष्ट किया कि वह मौजूदा बुकिंग्स को रद्द नहीं कर रहा है ताकि उन यात्रियों को असुविधा न हो, जो तुर्किये को सिर्फ ट्रांजिट प्वाइंट के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।
तुर्किये, अजरबैजान के लिए भारत बड़ा बाजार
पिछले कुछ साल में भारतीय सैलानियों के लिए तुर्किये और अजरबैजान अहम टूरिस्ट स्पॉट बनाकर उभरे हैं। 2014 में भारत से अजरबैजान सिर्फ 4,853 भारतीय गए थे। वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 2.43 लाख तक पहुंच गई। तुर्किये में भी भारतीय यात्रियों की तादाद इस दौरान तिगुनी हो गई। 2014 में भारतीय सैलानियों की संख्या 1.19 लाख थी, जो 2024 में 3.3 लाख तक पहुंच गई।
भारत और इन दोनों देशों के बीच सीधी और एक-स्टॉप फ्लाइट की संख्या भी काफी ज्यादा है। भारत और तुर्किये के बीच प्रति सप्ताह लगभग 13,000 सीटें रहती हैं। वहीं, भारत-अजरबैजान के बीच यह संख्या 3,000 है।
बॉयकाट का ट्रेंड कैसे शुरू हुआ?
तुर्किये और अजरबैजान ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' की आलोचना की थी, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्ट्राइक की गई थी। दोनों देशों ने पाकिस्तान के साथ खड़े रहने की बात भी कही थी। इसके जवाब में भारतीय सोशल मीडिया पर व्यापक प्रतिक्रिया देखने को मिली।
11 मई से ट्विटर (अब X) पर #BoycottTurkey, #BoycottAzerbaijan और #BoycottTurkeyAzerbaijan जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
एविएशन इंडस्ट्री की क्या प्रतिक्रिया है?
8 मई को शिवसेना ने आधिकारिक तौर पर दोनों देशों का बहिष्कार करने की मांग की थी। पार्टी प्रवक्ता शायना एनसी ने यहां तक कहा था कि भारतीयों को तुर्किये की फ्लैगशिप एयरलाइन Turkish Airlines से यात्रा नहीं करनी चाहिए और IndiGo को उसके साथ कोडशेयर साझेदारी समाप्त कर देनी चाहिए।