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India-China Border Issue: चीन ने कहा- भारत के साथ सीमा विवाद जटिल, परिसीमन पर चर्चा के लिए तैयार ट्रैगन

India-China Border Issue: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 26 जून को चिंगदाओ में अपने चीनी समकक्ष दोंग जून के साथ बैठक में प्रस्ताव दिया था कि भारत और चीन को सीमाओं पर तनाव कम करने तथा सरहदों के निर्धारण की मौजूदा व्यवस्था को पुनर्जीवित करने से संबंधित कदम उठाकर एक सुव्यवस्थित रूपरेखा के तहत जटिल मुद्दों को सुलझाना चाहिए

अपडेटेड Jul 01, 2025 पर 9:08 AM
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India China Border Issue: चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हालात शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपनी इच्छा व्यक्त की

India-China Border Issue: चीन ने सोमवार (30 जून) को कहा कि भारत के साथ सीमा विवाद जटिल है। इसे सुलझाने में समय लगेगा। इसके साथ ही उसने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए परिसीमन पर चर्चा करने और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हालात शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपनी इच्छा भी व्यक्त की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 26 जून को चिंगदाओ में अपने चीनी समकक्ष दोंग जून के साथ बैठक में प्रस्ताव दिया था कि भारत और चीन को सीमाओं पर तनाव कम करने तथा सरहदों के निर्धारण की मौजूदा व्यवस्था को पुनर्जीवित करने से संबंधित कदम उठाकर एक सुव्यवस्थित रूपरेखा के तहत जटिल मुद्दों को सुलझाना चाहिए।

राजनाथ सिंह और दोंग ने चिंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन के इतर द्विपक्षीय वार्ता की। इसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति एवं स्थिरता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया गया। सिंह की टिप्पणी को लेकर चीन की प्रतिक्रिया पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "मैं आपको बता सकती हूं कि चीन और भारत ने सीमा से जुड़े विषय पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र की स्थापना की है तथा चीन-भारत सीमा संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए राजनीतिक मापदंडों एवं मार्गदर्शक सिद्धांतों पर सहमति बनाई है।"

उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच विभिन्न स्तरों पर कूटनीतिक और सैन्य संचार तंत्र हैं। निंग ने कहा, "चीन भारत के साथ सरहदों के निर्धारण और सीमा प्रबंधन सहित अन्य मुद्दों पर संवाद बनाए रखने, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने तथा सीमा पार आदान-प्रदान एवं सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।"


विशेष प्रतिनिधि स्तर की 23 दौर की वार्ता के बावजूद सीमा मुद्दे को सुलझाने में हो रही देरी के बारे में पूछे जाने पर निंग ने कहा, "सीमा का सवाल जटिल है और इसे सुलझाने में समय लगता है।" उन्होंने कहा, "सकारात्मक पक्ष यह है कि दोनों देशों ने पहले ही गहन संवाद के लिए विभिन्न स्तर पर तंत्र स्थापित कर लिए हैं। हमें उम्मीद है कि भारत चीन के साथ इसी दिशा में काम करेगा, प्रासंगिक मुद्दों पर संवाद जारी रखेगा और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखेगा।"

विशेष प्रतिनिधियों के रूप में 23वीं बैठक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (MSA) अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच पिछले साल दिसंबर में हुई थी। 2020 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में टकराव के बाद विशेष प्रतिनिधियों की यह पहली बैठक थी।

भारत की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, दोंग के साथ बैठक में सिंह ने सर्वोत्तम पारस्परिक लाभ के लिए अच्छे पड़ोस की परिस्थितियां कायम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुए गतिरोध के परिणामस्वरूप उत्पन्न विश्वास की कमी को दूर करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्रवाई का आह्वान किया।

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भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में LAC पर सैन्य गतिरोध समाप्त करने के लिए पिछले साल अक्टूबर में सहमति बनी थी। उसके बाद नई दिल्ली और बीजिंग के संबंधों को फिर से स्थापित करने के प्रयासों के बीच सिंह और दोंग की बैठक हुई।

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