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India-US Deal: क्या भारत के साथ डील के अलावा ट्रंप के सामने दूसरा रास्ता नहीं है?

India US Trade Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ के जिस हथियार का इस्तेमाल शुरू किया था, उसकी असली निशाना चीन था। लेकिन, हैरान करने वाली बात है कि जो देश अमेरिका के निशाने पर सबसे ज्यादा था, ट्रंप ने सबसे पहले डील उस देश (चीन) से की है

Rakesh Ranjanअपडेटेड Jun 27, 2025 पर 9:56 AM
India-US Deal: क्या भारत के साथ डील के अलावा ट्रंप के सामने दूसरा रास्ता नहीं है?
ट्रंप के मुताबिक, भारत के साथ व्यापार में अमेरिका 45 अरब डॉलर के घाटे में है। ट्रेड डील के बाद यह डेफिसिट घटेगा।

अमेरिका से ट्रेड डील को लेकर अच्छी खबर आई है। ट्रेड डील फाइनल हो चुकी है। इंडिया और अमेरिका की तरफ से जल्द इसका ऐलान हो सकता है। सवाल है कि मार्च और अप्रैल की शुरुआत में दुनिया के बड़े देशों को रेसिप्रोकल टैरिफ से डराने वाले ट्रंप इंडिया के साथ डील के लिए मजबूर हुए हैं? 9 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद से ट्रंप के बयान को देखें तो इसका जवाब 'हां' है। ट्रंप रेसिप्रोकल टैरिफ के जिस हथियार का इस्तेमाल शुरू किया था, उसकी असली निशाना चीन था। लेकिन, हैरान करने वाली बात है कि जो देश अमेरिका के निशाने पर सबसे ज्यादा था, ट्रंप ने सबसे पहले डील उस देश (चीन) से की है।

अमेरिका को चीन के साथ भी जल्द डील करनी पड़ी

क्या चीन के साथ ट्रेड डील (Trade Deal) जल्द करना ट्रंप की मजबूरी थी? इसका भी जवाब 'हां' है। Donald Trump के टैरिफ के जवाब में चीन ने जो जवाबी कार्रवाई की, उससे अमेरिका को सांप सूंघ गया। ट्रंप ने सोचा नहीं था कि चीन के रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई रोक देने से अमेरिका में कई इंडस्ट्रीज के सामने बड़ा संकट पैदा हो जाएगा। स्थिति बिगड़ने से पहले ट्रंप ने अपना रुख बदला और चीन के साथ ट्रेड डील के लिए बातचीत शुरू कर दी।

इंडिया के साथ डील में अमेरिका की काफी दिलचस्पी

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