John Bolton: 'पीएम मोदी के साथ ट्रंप का रिश्ता अब पूरी तरह खत्म'; पूर्व अमेरिकी NSA का बड़ा दावा

India-US relations: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने आगाह किया है कि अमेरिकी नेता के साथ घनिष्ठ संबंध विश्व नेताओं को सबसे बुरे दौर से नहीं बचा पाएंगे। बोल्टन की यह टिप्पणी भारत-अमेरिका संबंधों में पिछले दो दशकों के संभवतः सबसे खराब दौर की पृष्ठभूमि में आई है

अपडेटेड Sep 05, 2025 पर 9:10 AM
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India-US relations: पूर्व NSA ने कहा कि ट्रंप अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नेताओं के साथ अपने निजी संबंधों के चश्मे से देखते हैं

India-US relations: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बहुत अच्छे व्यक्तिगत संबंध थे, लेकिन अब वह खत्म हो गए हैं। उन्होंने आगाह किया कि अमेरिकी नेता के साथ घनिष्ठ संबंध विश्व नेताओं को सबसे बुरे दौर से नहीं बचा पाएंगे। बोल्टन की यह टिप्पणी भारत-अमेरिका संबंधों में पिछले दो दशकों के संभवतः सबसे खराब दौर की पृष्ठभूमि में आई है। जिसमें ट्रंप की टैरिफ नीति और उनके प्रशासन द्वारा भारत की लगातार आलोचना के कारण तनाव और बढ़ गया है।

उन्होंने हाल में ब्रिटिश मीडिया पोर्टलएलबीसी’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "मुझे लगता है कि ट्रंप अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नेताओं के साथ अपने निजी संबंधों के चश्मे से देखते हैं। इसलिए अगर उनके (रूस के राष्ट्रपति) व्लादिमीर पुतिन के साथ अच्छे संबंध हैं, तो अमेरिका का रूस के साथ भी अच्छा संबंध होता। जाहिर है, ऐसा नहीं है।"

बोल्टन ट्रंप के पहले कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके हैं। लेकिन अब वह ट्रंप के मुखर आलोचक हैं। बोल्टन ने कहा, "ट्रंप के पीएम मोदी के साथ व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छे संबंध थे। मुझे लगता है कि अब वह रिश्ता खत्म हो गया है, और यह सभी के लिए एक सबक है। उदाहरण के लिए, (ब्रिटेन के प्रधानमंत्री) किएर स्टॉमर के लिए, कि एक अच्छा व्यक्तिगत संबंध कभी-कभी मददगार हो सकता है, लेकिन यह आपको सबसे बुरे हालात से नहीं बचाएगा।"


ट्रंप 17 से 19 सितंबर तक ब्रिटेन की यात्रा पर रहेंगे। एलबीसी’ के साथ अपने इंटरव्यू के साथ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बोल्टन ने कहा "व्हाइट हाउस ने अमेरिका-भारत संबंधों को दशकों पीछे धकेल दिया है, जिससे पीएम मोदी रूस और चीन के करीब आ गए हैं। चीन ने खुद को अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप के विकल्प के रूप में पेश किया है।"

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने यूक्रेन-रूस युद्ध के संबंध में पहले से मौजूद राष्ट्रीय आपातकाल से निपटने और शांति के लिए राष्ट्रपति के प्रयास के तहत रूसी ऊर्जा उत्पादों की खरीद को लेकर भारत पर शुल्क लगाया है।

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ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है और भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। इससे भारत पर लगाया गया कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है। यह 27 अगस्त से प्रभावी हो गया है।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Sep 05, 2025 8:53 AM

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