Nepal Ban Social Media: नेपाल ने फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया है। नेपाल सरकार ने गुरुवार (5 सितंबर) को कहा कि वह फेसबुक, एक्स और यूट्यूब समेत ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर रही है, क्योंकि ये कंपनियां सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन कराने के लिए जरूरी नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि इन सोशल मीडिया कंपनियों को रजिस्ट्रेशन के लिए 28 अगस्त से सात दिन का समय दिया गया था।
मंत्रालय ने कहा कि बुधवार रात को जब समय सीमा समाप्त हो गई, तब भी किसी भी बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने आवेदन जमा नहीं किया। उनमें मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप), अल्फाबेट (यूट्यूब), एक्स (पूर्व में ट्विटर), रेडिट और लिंक्डइन शामिल हैं। हालांकि, मंत्रालय के अनुसार, टिकटॉक, वाइबर, विटक, निंबज और पोपो लाइव को सूचीबद्ध किया गया है। जबकि टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी ने आवेदन किया है और वे अनुमोदन की प्रक्रिया में हैं।
फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों ने अभी तक नेपाल सरकार के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। ये प्लेटफॉर्म्स सोशल नेटवर्क उपयोग प्रबंधन के निर्देश, 2023 के तहत अनिवार्य रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे थे।
मंत्रालय ने नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण को बिना रजिस्ट्रेशन वाले सोशल प्लेटफॉर्म्स को निष्क्रिय करने का भी निर्देश दिया है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि यह प्रतिबंध गुरुवार मध्यरात्रि से लागू हो जाएगा। मंत्रालय के प्रवक्ता गजेंद्र कुमार ठाकुर ने कहा, "सूचीबद्ध पांच मंचों और प्रक्रियाधीन दो मंचों को छोड़कर, बाकी सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स नेपाल में निष्क्रिय कर दिए जाएंगे।"
उन्होंने कहा कि अगर कोई प्लेटफॉ रजिस्ट्रेशन पूरा कर लेता है, तो उसे उसी दिन फिर से खोल दिया जाएगा। पर्यवेक्षकों ने बताया कि इस निर्णय से निश्चित रूप से विदेशों में रहने वाले, कमाने या सीखने वाले लाखों नेपाली प्रभावित होंगे, क्योंकि उनमें से ज्यादातर लोग रोजाना बातचीत के लिए फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते हैं।
इस बीच, नेपाली पत्रकार महासंघ (एफएनजे) ने इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई और इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की। अधिकारियों ने कहा है कि सोशल मीडिया पर निगरानी रखने वालों के लिए कानून बनाना जरूरी है कि इन प्लेटफॉर्म पर जो कुछ भी शेयर करते हैं उसके वे प्रति जिम्मेदार और जवाबदेह हों।