'ईरान के पास कभी परमाणु हथियार नहीं हो सकता'; G7 नेताओं का संयुक्त बयान जारी, जानें बड़ी बातें

G7 Summit 2025 News: संयुक्त बयान में कहा गया है कि हम आग्रह करते हैं कि ईरानी संकट के समाधान से मध्य पूर्व में शत्रुता को व्यापक रूप से कम करने (जिसमें गाजा में युद्ध विराम भी शामिल है) की ओर अग्रसर होना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि तेहरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगानी चाहिए, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए

अपडेटेड Jun 17, 2025 पर 11:02 AM
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G7 Summit 2025: संयुक्त बयान में कहा गया है कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है (Photo- @G7)

Israel-Iran War in G7 Summit 2025: ग्रुप ऑफ सेवन (G7) के नेताओं ने एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें कहा गया कि ईरान के पास कभी परमाणु हथियार नहीं हो सकता। साथ ही उन्होंने मध्य पूर्व में तनाव को व्यापक रूप से कम करने और गाजा में युद्ध विराम करने का आग्रह किया है। G7 नेताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि बढ़ते मध्य पूर्व संकट में इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है। संयुक्त बयान में कहा गया, "हम पुष्टि करते हैं कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है।" इसमें आगे कहा गया, "हम लगातार स्पष्ट रहे हैं कि ईरान के पास कभी परमाणु हथियार नहीं हो सकता।"

बयान में कहा गया है, "हम आग्रह करते हैं कि ईरानी संकट के समाधान से मध्य पूर्व में शत्रुता को व्यापक रूप से कम करने (जिसमें गाजा में युद्ध विराम भी शामिल है) की ओर अग्रसर होना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि तेहरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगानी चाहिए, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।

इजरायल-ईरान के बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरानी सरकार को चेतावनी दे डाली है। ईरान को न्यूक्लियर वेपन बनाने से रोकने की चेतावनी देते हुए ट्रंप ने साफतौर पर कहा है कि तेहरान के लोगों को तुरंत शहर खाली कर देना चाहिए।


ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा, "ईरान को वह डील साइन कर लेनी चाहिए थी, जो मैंने उनसे कही थी। इंसानी जिंदगियों के नुकसान का अफसोस है। मैं साफ-साफ कहता हूं कि ईरान को न्यूक्लियर वेपन हासिल नहीं करने देंगे। मैंने बार-बार यही कहा है। सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।"

डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान इजरायल-ईरान के बढ़ते तनाव के बीच आया है। इस युद्ध ने न सिर्फ ईरान, बल्कि उसके साथ-साथ वैश्विक नेताओं के बीच भी खलबली मचा दी है। अमेरिका साल 2018 में ही ईरान के साथ चल रहे ज्वॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (जीसीपीओए) से अपने हाथ खींच चुका था। डील के तहत यह तय था कि ईरान सैन्य मकसद के लिए न्यूक्लियर हथियार विकसित नहीं करेगा।

हालांकि, ईरान हमेशा से ही यह कहता आया है कि वह नागरिक हितों के लिए न्यूक्लियर प्रोग्राम चला रहा है, लेकिन अमेरिका और इजरायल को इस पर शक है। इसी शक के चलते अमेरिका ने ईरान के साथ जीसीपीओए तोड़ा था।

व्हाइट हाउस ने ऐलान किया है कि डोनाल्ड ट्रंप कनाडा में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन को जल्दी छोड़कर कई अहम मामलों पर ध्यान देने के लिए रवाना हो रहे हैं। ट्रंप के मंगलवार देर रात तक कनाडा में रहने की योजना थी। ट्रंप इसके लिए रविवार को कनाडा पहुंच चुके थे। जी7 सम्मेलन 17 जून को समाप्त होने जा रहा है।

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इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह इजरायल और ईरान को बातचीत की मेज पर ला सकते हैं। इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष में दोनों देश एक-दूसरे पर ड्रोन और मिसाइल से हमले कर रहे हैं, जिसमें कई लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भारत सरकार ने ईरान में रह रहे भारतीयों से तुरंत राजधानी तेहरान छोड़ने की अपील की है।

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