ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने मंगलवार को कहा कि ईरान "ऐसा देश नहीं है जो आत्मसमर्पण कर दे"। उनका ये बयान तेहरान और तेल अवीव दोनों की ओर से अमेरिका की मध्यस्थता में युद्ध विराम सहमति जताने के कुछ ही देर बाद आया है। उनका यह बयान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से दोनों कट्टर प्रतिद्वंद्वियों के बीच संघर्ष विराम लागू होने की पुष्टि के कुछ घंटों बाद आया है। ट्रंप ने दोनों पक्षों से एक हफ्ते तक चले घातक संघर्ष के बाद समझौते का सम्मान करने की अपील की थी, क्योंकि इसने दोनों देशों को भीषण युद्ध के कगार पर पहुंचा दिया था।
इससे पहले अपनी पहली प्रतिक्रिया में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा था कि तेहरान किसी भी परिस्थिति में किसी भी तरह का उत्पीड़न स्वीकार नहीं करेगा। सर्वोच्च नेता ने कहा कि ईरान ने नागरिकों को निशाना नहीं बनाया है और उन्होंने किसी के उत्पीड़न के आगे न झुकने की कसम खाई है।
उन्होंने कहा, "हमने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। और हम किसी भी परिस्थिति में किसी से भी उत्पीड़न स्वीकार नहीं करेंगे। और हम किसी के उत्पीड़न के आगे झुकेंगे नहीं यह ईरानी राष्ट्र का तर्क है।"
अमेरिका के ईरान न्यूक्लियर साइट पर हुए हमलों के बाद खामेनेई ने ये बयान दिया था। इसके बाद ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे।
ईरानी सशस्त्र बलों की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, "ऑपरेशन बेशारत फतह के तहत कतर में अल-उदीद बेस को एक विनाशकारी और घातक मिसाइल हमले का टारगेट बनाया गया।"
वाशिंगटन और उसके सहयोगियों को कड़ी चेतावनी देते हुए ईरानी सेना ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में ईरान (Iran) अपनी क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता या राष्ट्रीय सुरक्षा के उल्लंघन नहीं होने देगा।
कतर में अमेरिकी बेस पर हमला और फिर युद्ध विराम
ईरान ने कतर में अमेरिका के अल उदीद सैन्य अड्डे पर जवाबी हमला किया, जो मध्य पूर्व में सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा है।
कतर ने कहा कि उसने हमले को सफलतापूर्वक रोक दिया है, जिसे उसने संप्रभुता का "घोर उल्लंघन" कहा और कहा कि उसने जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखा है।
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि बेस पर किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हमले को "बहुत कमजोर" बताते हुए खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि ईरान ने हमले की "पूर्व सूचना" दी थी, और इस कदम के लिए इस्लामी गणराज्य को धन्यवाद दिया, जिससे "किसी की जान नहीं गई, कोई घायल नहीं हुआ।"
उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा, "शायद ईरान अब इलाके में शांति और सद्भाव की दिशा में आगे बढ़ सकता है, और मैं इजरायल को भी ऐसा करने के लिए कहूंगा।"