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इस्लाम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म, 10 सालों में 34.7 करोड़ बढ़ी मुसलमानों की आबादी : प्यू रिपोर्ट

2010 और 2020 के बीच पूरी दुनिया में मुस्लिम आबादी में 34.7 करोड़ की बढ़त हुई, जिससे गेलबल धार्मिक लैंडस्केप में एक बड़ा जनसांख्यिकीय बदलाव आया है

अपडेटेड Jul 12, 2025 पर 1:21 PM
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ईसाई धर्म अभी भी दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बना हुआ है, लेकिन दुनिया की आबादी में इसके अनुपात में थोड़ी गिरावट आई है

प्यू रिसर्च सेंटर की एक नई स्टडी के मुताबिक, इस्लाम दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है। पिछले दशक में किसी भी अन्य धार्मिक समुदाय की तुलना में इसके अनुयायियों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़त हुई है। 2010 और 2020 के बीच पूरी दुनिया में मुस्लिम आबादी में 34.7 करोड़ की बढ़त हुई, जिससे ग्लोबल धार्मिक लैंडस्केप में एक बड़ा जनसांख्यिकीय बदलाव आया है। प्यू की रिपोर्ट में कहा गया कि धर्म परिवर्तन के बजाय जनसंख्या बढ़त ही इस बदलाव का मुख्य कारण है।

हालांकि ईसाई धर्म अभी भी दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बना हुआ है, लेकिन दुनिया की आबादी में इसके अनुपात में थोड़ी गिरावट आई है, जबकि इस्लाम और अन्य धार्मिक समूहों के अनुपात में लगातार बढ़त हो रही है। हिंदुओं की जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या के लगभग समान दर से बढ़ी है जो 2020 में 1.2 अरब तक पहुंच गई, जिनमें से 95 प्रतिशत आबादी भारत में हैं।

2020 तक, भारत में हिंदुओं की आबादी 79 फीसदी थी, जबकि 2010 में यह 80 फीसदी थी। '2010 से 2020 तक ग्लोबल धार्मिक लैंडस्केप कैसे बदला' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत की आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी 2010 के 14.3 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 15.2 प्रतिशत हो गई है। वैश्विक जनसंख्या के अनुपात के रूप में, हिंदू 14.9 फीसदी पर स्थिर हैं । 2010 के 15 फीसदी की तुलना में मामूली गिरावट देखने को मिली है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन 10 सालों में यहूदियों की आबादी लगभग 6 फीसदी बढ़ी है। यहूदी आबादी 1.4 करोड़ से बढ़कर 1.5 करोड़ हो गई। 2020 तक, 45.9 फीसदी यहूदी इज़राइल में रहते थे, जो किसी भी देश में सबसे अधिक यहूदी आबादी है। इसके बाद उत्तरी अमेरिका में 41.2 फीसदी यहूदी रहते थे।

रिपोर्ट के अनुसार, बौद्ध एकमात्र प्रमुख धार्मिक समूह हैं जिनकी संख्या 2020 में एक दशक पहले की तुलना में कम हुई है। दुनिया में बौद्धों की संख्या में 0.8 फीसदी की गिरावट आई है।


प्यू रिसर्च की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 'नोनेस' तीसरा सबसे बड़ा ग्रोथ करने वाला समूह है। बता दें की आमतौर पर नोनेस ऐसे लोगों को कहा जाता है तो कोई भी धर्म नहीं मानते। नोनेस लोगों की संख्या 27 करोड़ बढ़कर 1.9 अरब हो गई है। दुनिया की आबादी में 'नोनेस' का हिस्सा लगभग एक फीसदी बढ़कर 24.2 प्रतिशत हो गया है।

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Sudhanshu Dubey

Sudhanshu Dubey

First Published: Jul 12, 2025 1:19 PM

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