Donald Trump at UNGA: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार (23 सितंबर) को संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में खराब एस्केलेटर और टेलीप्रॉम्प्टर की शिकायत करते हुए यूनाइटेड नेशंस (UN) पर जमकर निशाना साधा। डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित करते हुए कहा कि यूनाइटेड नेशंस से उन्हें आजतक सिर्फ एक खराब टेलीप्रॉम्प्टर और एक खराब एस्केलेटर ही मिला है। न्यूयॉर्क में इस ग्लोबल संस्था के मुख्यालय में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनका टेलीप्रॉम्प्टर काम नहीं कर रहा है। फिर उन्होंने कहा कि मैं बिना टेलीप्रॉम्प्टर के भी ये भाषण दे सकता हूं।
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "मुझे बिना टेलीप्रॉम्प्टर के भाषण देने में कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि टेलीप्रॉम्प्टर काम नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह महासभा हॉल में होने से खुश हैं।" 'व्हाइट हाउस' लौटने के बाद संयुक्त राष्ट्र को अपना पहला संबोधन देते हुए उन्होंने कहा, "मैं बस इतना कह सकता हूं कि जो भी इस टेलीप्रॉम्प्टर को चला रहा है। वह बड़ी मुश्किल में है।"
इसके कुछ मिनट बाद ट्रंप अपनी भाषण की प्रिंटेड कॉपी से पढ़ते हुए दिखे। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र का मजाक उड़ाते हुए ट्रंप ने कहा कि यह संस्था शांति प्रयासों में मदद करने में विफल हो रही है। उन्होंने UN मुख्यालय की इमारत की गुणवत्ता पर भी टिप्पणी की।
न्यूयॉर्क मुख्यालय में खराब एस्केलेटर की शिकायत करते हुए ट्रंप ने कहा, "यूएन में बहुत क्षमता है। मैंने हमेशा कहा है...इसमें बहुत क्षमता है। लेकिन यह अपनी क्षमता का उपयोग भी नहीं कर पा रहा है।" अपने भाषण का समापन करते हुए उन्होंने कहा, "यूएन से मुझे सिर्फ एक खराब एस्केलेटर और एक खराब टेलीप्रॉम्प्टर ही मिला।"
अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा कि चीन और भारत रूसी तेल खरीद कर यूक्रेन में रूसी युद्ध के 'प्राइमरी फाउंडर्स' हैं। ट्रंप प्रशासन ने रूसी तेल की खरीद के लिए भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। इससे अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गया है, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र की आम चर्चा में अपने संबोधन में कहा, "चीन और भारत रूसी तेल खरीद कर इस युद्ध को फंडिंग करने वाले मुख्य देश हैं।" भारत ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को अनुचित बताया है। भारत ने कहा है कि किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, वह अपने राष्ट्रीय और आर्थिक हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा।