इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने देश की जनता से अपने स्मार्टफोन से मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप को हटाने की अपील की है। कहा गया है कि यह ऐप इजरायल को भेजने के लिए यूजर्स की पर्सनल जानकारी और लास्ट लोकेशन इकट्ठी करता है। हालांकि इस बारे में कोई सबूत पेश नहीं किया गया। बुधवार को इजरायल और ईरान के बीच लगातार छठे दिन गोलीबारी हुई। इजरायल ने कहा कि उसने तेहरान के पास एक परमाणु स्थल पर हमला किया है।
एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, ईरान की वॉट्सऐप डिलीट करने की अपील पर एक बयान में वॉट्सऐप ने कहा कि यह झूठी रिपोर्ट हमारी सर्विसेज को उस समय रोकने का बहाना हैं, जब लोगों को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है। वॉट्सऐप का कहना है कि वह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करती है, जिसका अर्थ है कि बीच में कोई सर्विस प्रोवाइडर मैसेज नहीं पढ़ सकता है।
अगर कोई बीच में इंटरसेप्ट करे मैसेज तो...
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का मतलब है कि मैसेजेस को इस तरह से स्क्रैम्बल किया जाता है कि केवल इन्हें भेजने वाला यानि सेंडर और इन्हें हासिल करने वाला यानि रिसीवर ही उन्हें देख सकता है। अगर कोई अन्य व्यक्ति मैसेज को इंटरसेप्ट करता है, तो उसे केवल एक गड़बड़ दिखाई देगी, जिसे 'की' के बिना अनस्क्रैम्बल नहीं किया जा सकता। वॉट्सऐप का मालिकाना हक मेटा प्लेटफॉर्म के पास है, जो फेसबुक और इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी है।
'किसी भी सरकार को बल्क में नहीं देते जानकारी'
वॉट्सऐप के मुताबिक, "हम आपके सटीक लोकेशन को ट्रैक नहीं करते हैं, हम यह लॉग नहीं रखते हैं कि कौन किसे मैसेज भेज रहा है और हम उन पर्सनल मैसेजेस को ट्रैक नहीं करते हैं, जो लोग एक-दूसरे को भेज रहे हैं। हम किसी भी सरकार को बल्क में जानकारी प्रदान नहीं करते हैं।"