Iran-Israel War: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर एक विस्फोटक आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि ईरानी शासन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दो बार हत्या करने की कोशिश की थी। नेतन्याहू ने ईरान को "दुश्मन नंबर एक" करार दिया। इस बीच, नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि इजरायल में नागरिकों को निशाना बनाने की ईरान को बहुत भारी कीमत चुकानी होगी। नेतन्याहू ने यह टिप्पणी तेल अवीव के नजदीक बात याम शहर में रविवार सुबह ईरानी मिसाइल हमले के स्थल का दौरा करते हुए की। इस हमले में कम से कम सात लोग मारे गए और कई दर्जन अन्य घायल हो गए हैं।
नेतन्याहू ने कहा कि उनके घर के बेडरूम में मिसाइल दागे जाने के बाद ईरान ने उन्हें भी निशाना बनाया था। ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकने के प्रयासों में खुद को ट्रंप का 'जूनियर पार्टनर' बताते हुए इजरायली नेता ने स्थिति को एक तात्कालिक संकट बताया। नेतन्याहू ने फॉक्स न्यूज़ से कहा, "वे (ईरान ट्रंप को) उन्हें मारना चाहते हैं। वह दुश्मन नंबर एक है।"
उन्होंने आगे कहा, "वह एक निर्णायक नेता है... उसने इस नकली समझौते को उठाया और मूल रूप से इसे फाड़ दिया। उसने कासिम सुलेमानी को मार डाला। उसने यह बहुत स्पष्ट कर दिया, जिसमें अब यह भी शामिल है। आपके पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता, जिसका मतलब है कि आप यूरेनियम को समृद्ध नहीं कर सकते। वह बहुत बलशाली रहा है। इसलिए उनके लिए, वह दुश्मन नंबर एक है।"
इजरायल ने शुक्रवार सुबह 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' शुरू किया, जिसमें ईरान के परमाणु, मिसाइल और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। बाद में ईरान ने इजरायल पर जवाबी हमले शुरू किए। इससे इजरायल पर ईरान की ओर से और जोरदार हमले की आशंका पैदा हो गई है। ईरान की कुछ मिसाइलें इजरायल की एयर डिफेंस सिस्टम को भेद कर देश के बीच में बने इमारतों को निशाना बनाने में सफल हुई हैं।
एक अलग घटना में उत्तरी अरब शहर तमरा में चार लोग मारे गए, जिससे इजरायल द्वारा अभियान शुरू किए जाने के बाद से मरने वालों की संख्या 14 हो गई है। इजरायल का कहना है कि इस अभियान का उद्देश्य ईरान को परमाणु क्षमता हासिल करने से रोकना और उसके मिसाइल विकास कार्यक्रम को विफल करना है।
नेतन्याहू ने कहा, "हम यहां इसलिए हैं क्योंकि हम अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, जो अब इजरायल के हर नागरिक के लिए स्पष्ट है। सोचिए कि अगर ईरान के पास इजरायल के शहरों पर गिराने के लिए परमाणु हथियार होता तो क्या होता।"
उन्होंने कहा, "सोचिए अगर ईरान के पास इस तरह की 20,000 मिसाइलें होतीं? यह इजरायल के लिए अस्तित्व का खतरा है। इसीलिए हमने विनाश के दोहरे खतरे के खिलाफ मुक्ति का युद्ध शुरू किया है, हम इसे पूरी ताकत के साथ कर रहे हैं। हमारे सैनिक, हमारे पायलट, ईरान के आसमान में हैं।"
उन्होंने नागरिकों को ईरानी मिसाइल हमलों के दौरान 'होम फ्रंट कमांड' के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी। इस बीच, इजराल रक्षा बल (IDF) के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा कि आने वाले दिनों में इजरायल पर ईरान के और अधिक बैलिस्टिक मिसाइल हमले होने की आशंका है।
उन्होंने कहा, "आगे चुनौतीपूर्ण दिन हैं। आने वाले दिनों में और भी हमले और प्रभाव होंगे। इजरायली वायु सेना एक पल के लिए भी (ईरान में) हमला करना बंद नहीं कर रही है।" IDF ने X पर एक पोस्ट में कहा कि ईरान के विपरीत इजरायल ईरानी आबादी को नुकसान नहीं पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
IDF ने लिखा, "यही वह संदेश है जो हम ईरानी नागरिकों तक पहुंचा रहे हैं। इसके उलट ईरान बिना किसी चेतावनी के हमला करने का विकल्प चुनता है, हम निर्दोष लोगों को चेतावनी देने का विकल्प चुनते हैं । हम उन्हें कई माध्यम से फारसी में चेतावनी देते हैं।"
इजरायल के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार से अबतक ईरान ने कम से कम 270 मिसाइलें दागी हैं। इनसे 22 स्थल प्रभावित हुए। तीन नाबालिगों और 10 वयस्कों सहित 13 लोगों की मौत हो गई। जबकि 390 लोग घायल हुए हैं।