लीबिया के पूर्वी तट पर प्रवासियों की एक रबर नाव डूबने की दुखद घटना में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि 42 लोग अभी भी लापता हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने शुक्रवार को इस हादसे की जानकारी साझा की। ये नाव 9 सितंबर को कंबाउट शहर के पास समुद्र तट से रवाना हुई थी, जिसमें लगभग 70 लोग सवार थे। ज्यादातर प्रवासी सूडान और दक्षिण सूडान के नागरिक थे, जो बेहतर जीवन की तलाश में यूरोप की ओर जा रहे थे। ये घटना लीबिया में प्रवासियों की असुरक्षित यात्रा और समुद्र मार्ग की जोखिम भरी स्थिति को उजागर करती है।
IOM के अनुसार, 14 लोगों को पांच दिन बाद समुद्र से बचाया गया। अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इतने दिनों तक बचे हुए लोग कैसे जीवित रहे। हादसे के बाद राहत और खोज-बचाव का काम जारी है।
यूरोप पहुंचने का मुख्य मार्ग
लीबिया अफ्रीका और मध्य पूर्व के प्रवासियों के लिए यूरोप जाने का प्रमुख मार्ग बना हुआ है। युद्ध, गरीबी और संघर्ष से भाग रहे लोग अक्सर इस मार्ग को चुनते हैं। लीबिया रेड क्रिसेंट ने बताया कि उन्हें तोब्रुक प्रशासन से कंबाउट समुद्र तट के पास शवों के मिलने की सूचना मिली। लेकिन ये साफ नहीं है कि बरामद शव वही हैं, जो IOM ने रिपोर्ट में बताए।
जुवारा में अन्य बचाव ऑपरेशन
पश्चिमी लीबिया के तटीय शहर जुवारा में अधिकारियों ने 35 प्रवासियों को बचाया, जिनमें पांच महिलाएं और एक बच्चा शामिल थे। ये ऑपरेशन अबू कम्माश क्षेत्र में किया गया। जुवारा नौसेना संचालन बल ने बताया कि ये लोग नाव पर सवार थे और उन्हें सुरक्षित तट पर लाया गया।
हाल ही में हुई अन्य नाव दुर्घटनाएं
इस महीने की शुरुआत में भी लीबिया के तट पर एक नाव पलटी थी। इसमें एक व्यक्ति की मौत हुई और 22 लोग लापता हो गए। उस समय नाव में 32 प्रवासी सवार थे, जिनमें से नौ को बचाया गया।
लीबिया में 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह के बाद से लगातार राजनीतिक अराजकता रही है। मुअम्मर गद्दाफी के सत्ता से बेदखल और हत्या के बाद से देश में स्थिर शासन नहीं बन पाया, जिससे प्रवासियों की यात्रा और भी खतरनाक बन गई है।