Mamata Banerjee: 'ममता जी, क्या कोई हिंदुओं के लिए है?': लंदन में बंगाल सीएम के कार्यक्रम में हंगामा, लोगों ने पूछे तीखे सवाल, लगे 'गो बैक' के नारे

Mamata Banerjee News: एक सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने समावेशी विकास के महत्व पर बल दिया और कहा कि समाज में विभाजन प्रतिकूल परिणाम देता है। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने बंगाल में हिंदुओं के साथ हो रहे व्यवहार पर सवाल उठाया। उसने पूछा कि ममता जी, क्या कोई हिंदुओं के लिए है?

अपडेटेड Mar 28, 2025 पर 11:16 AM
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Mamata Banerjee News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लोगों ने तीखे सवाल किए

Mamata Banerjee News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को गुरुवार (27 मार्च) को लंदन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज में अपने भाषण के दौरान भारी विरोध का सामना करना पड़ा। स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के छात्र नेताओं ने 'गो बैक' के नारे लगाए। साथ ही बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के साथ ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े मुद्दों पर सवाल किए। हालांकि, मुख्यमंत्री बनर्जी ने संयम के साथ स्थिति को संभाला और शिष्टाचार बनाए रखते हुए प्रदर्शनकारियों को जवाब दिया।

एक सभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने समावेशी विकास के महत्व पर बल दिया। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने बंगाल में हिंदुओं के साथ हो रहे व्यवहार पर सवाल उठाया। उसने पूछा- "ममता जी, क्या कोई हिंदुओं के लिए है?", तो मुख्यमंत्री ने जवाब दिया, "मैं हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी के लिए हूं"। प्रदर्शनकारियों ने बंगाल में निवेश और चुनाव संबंधी हिंसा जैसे मुद्दों पर भी सवाल उठाए।

बनर्जी ने उन्हें याद दिलाया कि मामले की जांच केंद्र सरकार कर रही है। उन्होंने कहा- "यह मामला लंबित है, और यह अब हमारे हाथ में नहीं है।" उन्होंने कहा, "जब मैं कुर्सी पर होती हूं, तो मैं समाज को बांट नहीं सकती। मुझे कमजोर वर्गों और गरीबों का ध्यान रखना होता है। हमें उनके लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। साथ ही, हमें सभी धर्मों, जातियों और पंथों के लिए मिलकर काम करना चाहिए, उनके साथ आगे बढ़ना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए।"


अचानक शुरू हो गया विरोध

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, शुरू में दर्शकों में मौजूद अतिथि अचानक विरोध से चौंक गए, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया की सराहना की। आखिर में सीएम ममता बनर्जी ने बिना किसी रुकावट के अपना भाषण समाप्त किया। उन्हें प्रदर्शनकारियों से यह कहते हुए सुना गया, "अपनी पार्टी से कहो कि वे हमारे राज्य (पश्चिम बंगाल) में अपनी ताकत बढ़ाएँ ताकि वे हमसे लड़ सकें।" जब यह घटना मुख्यमंत्री के भाषण के आसपास हुई, तो दर्शकों में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली भी मौजूद थे।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने 1990 के दशक की शुरुआत की अपनी एक पुरानी तस्वीर दिखाई, जिसमें उनके सिर पर पट्टी बंधी हुई थी। सीएम ने दावा किया कि यह विपक्ष में रहने के दौरान उनकी हत्या के प्रयास का सबूत है। यह हंगामा तब शुरू हुआ जब एक दर्शक ने उनसे लाखों करोड़ के निवेश प्रस्तावों के बारे में पूछा। जैसे ही सीएम ने जवाब देने की कोशिश की, दर्शकों में से एक अन्य सदस्य ने हस्तक्षेप किया। सीएम ने दर्शकों से कहा कि वे रुक जाएं, क्योंकि यह कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं थी।

सुर्खियों में आया सीएम का भाषण

हालांकि लंदन यात्रा के दौरान उद्योग और व्यापार से जुड़ी कई बैठकें हुईं, लेकिन मुख्यमंत्री का केलॉग कॉलेज में दिया गया भाषण सुर्खियां बटोर ले गया। आखिर में, बाकी दर्शकों के सामूहिक विरोध के कारण प्रदर्शनकारियों को हॉल छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। पश्चिम बंगाल में औद्योगिक स्थिति के बारे में बोलते हुए, जब टाटा की टीसीएस कंपनी में निवेश का विषय उठाया गया, तो दर्शकों के पीछे से कुछ लोग हाथों में तख्तियां लेकर खड़े हो गए।

'मैं आपको मिठाई खिलाऊंगी'

इन पर राज्य में चुनाव और चुनाव के बाद की हिंसा के साथ-साथ आरजी बलात्कार मामले के बारे में लिखा हुआ था। दर्शकों ने मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान चिल्लाकर अपनी बात रखने की कोशिश की। हालांकि, मुख्यमंत्री इस बात से जरा भी विचलित नहीं हुईं। सीएम बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों से कहा, "आप मेरा स्वागत कर रहे हैं, धन्यवाद। मैं आपको मिठाई खिलाऊंगी।"

प्रदर्शनकारियों ने जब आरजी कर बलात्कार मामले का मुद्दा उठाया तो मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, "थोड़ा जोर से बोलिए, मैं आपको सुन नहीं पा रही हूं। मैं आपकी हर बात सुनूंगी। क्या आपको पता है कि यह मामला लंबित है? इस मामले की जांच की जिम्मेदारी अब केंद्र सरकार के हाथ में है, मामला अब हमारे हाथ में नहीं है।"

ममता बनर्जी ने आगे कहा, "यहां राजनीति मत कीजिए, यह राजनीति का मंच नहीं है। मेरे राज्य में जाइए और मेरे साथ राजनीति कीजिए।" इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने जादवपुर यूनिवर्सिटी की घटना का मुद्दा भी उठाया। मुख्यमंत्री ने फिर एक प्रदर्शनकारी को भाई कहकर संबोधित किया और कहा, "झूठ मत बोलो। मुझे तुमसे सहानुभूति है। लेकिन इसे राजनीति का मंच बनाने के बजाय बंगाल जाकर अपनी पार्टी को मजबूत करने को कहो ताकि वे हमसे लड़ सकें।"

मुख्यमंत्री का जवाब सुनकर दर्शकों में मौजूद अतिथियों ने जोर-जोर से तालियां बजानी शुरू कर दीं। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने अपनी आवाज उठाने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने भी उन्हें जवाब में कहा, "मेरा अपमान करके अपनी संस्था का अपमान मत करो। मैं देश की प्रतिनिधि बनकर आई हूं। अपने देश का अपमान मत करो।" बाद में कार्यक्रम के आयोजकों और मौजूद अतिथियों ने सामूहिक रूप से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आवाज उठाई। प्रदर्शनकारियों को कार्यक्रम स्थल से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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मुख्यमंत्री के भाषण को सुनने के लिए कई प्रवासी भारतीयों के अलावा कई अलग-अलग देशों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। हालांकि, कार्यक्रम के आयोजकों ने इस अप्रत्याशित घटना के लिए मुख्यमंत्री से खेद जताया है। लगातार व्यवधानों के बीच, दर्शकों में से किसी ने बंगाल में हिंदुओं के साथ व्यवहार के बारे में सवाल उठाया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

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