सत्तारूढ़ जुंटा ने शनिवार को एक बयान में कहा कि म्यांमार में 7.7 तीव्रता के भूकंप में मरने वालों की संख्या 1,600 से ज्यादा हो गई है, जबकि बचाव दल मलबे में खुदाई जारी रखे हुए हैं। इस भीषण भूकंप में 3,408 लोग घायल हुए हैं और 130 से ज्यादा लोग अभी भी खंडहरों के नीचे लापता बताए जा रहे हैं। जबकि विश्व इस आपदा के समय म्यांमार को राहत और मानवीय सहायता भेजने के लिए एकजुट हुआ है, जबकि विनाशकारी भूकंप के बाद अभी भी लापता लोगों के परिवार के सदस्यों के बीच उम्मीद क्षीण होने लगी है।
म्यांमार भूकंप में मरने वालों की संख्या में एकदम से तेज बढ़ोतरी आई है, सैन्य सरकार की ओर से 1,000 लोगों की मृत्यु की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद आई है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि अब हताहतों की संख्या में इजाफा होगा।
म्यांमार में आए भीषण भूकंप के 24 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी बचाव दल प्रमुख प्रभावित शहरों मेंडले और नेपीता में मलबे में फंसे लोगों को ढूंढने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।
आपदा की गंभीरता को देखते हुए, जुंटा प्रमुख ने “किसी भी देश, किसी भी संगठन” से मदद का निमंत्रण दिया और दुनिया ने उनकी बात सुनी।
भारत ने शोकग्रस्त म्यांमार की सहायता के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया है। ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत भारत सरकार ने हवाई और समुद्री मार्ग से 15 टन से ज्यादा राहत सामग्री भेजी है।
विदेश मंत्री (EAM) जयशंकर ने बताया है कि भारतीय नौसैनिक जहाज IANS सतपुड़ा और IANS सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून पोर्ट की ओर बढ़ रहे हैं।
दुनिया म्यांमार की किस तरह से मदद कर रही है?
चीन ने बचाव प्रयासों में मदद के लिए शनिवार को 82 लोगों की एक बचाव टीम म्यांमार भेजी है। चीन के युन्नान प्रांत से एक अलग बचाव दल शनिवार को म्यांमार के वाणिज्यिक केंद्र यांगून पहुंचा।
हांगकांग सरकार ने घोषणा की है कि उसने 51 सदस्यों की एक टीम, दो सर्च एंड रेस्क्यू डॉग्स और नौ टन उपकरण, जिनमें लाइफ डिटेक्टर भी शामिल हैं, वो भी म्यांमार भेजे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को भूकंप को "भयानक" बताते हुए म्यांमार की सहायता करने का संकल्प लिया।
दक्षिण कोरिया ने कहा कि वह भूकंप के बाद “तत्काल बचाव और राहत प्रयासों के लिए” 20 लाख डॉलर की मानवीय सहायता भेजेगा।