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Myanmar Earthquake: म्यांमार भूकंप में मरने वालों की संख्या 3 हजार के करीब! 10 हजार से ज्यादा मकान बर्बाद

Myanmar Earthquake : म्यांमार में आए भयंकर भूकंप में मरने वालों की संख्या एक बार फिर बढ़ गई है। भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,700 हो गई है, जबकि 4,500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं और आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या 3,000 के पार जा सकती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 01, 2025 पर 7:29 PM
Myanmar Earthquake: म्यांमार भूकंप में मरने वालों की संख्या 3 हजार के करीब! 10 हजार से ज्यादा मकान बर्बाद
म्यांमार में पिछले हफ्ते आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से मची तबाही के मंजर अभी तक बरकरार है।

Myanmar Earthquake:  म्यांमार में पिछले हफ्ते आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से मची तबाही के मंजर अभी तक बरकरार है।  म्यांमार में आए भयंकर भूकंप में मरने वालों की संख्या एक बार फिर बढ़ गई है। भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,700 हो गई है, जबकि 4,500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं और आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या 3,000 के पार जा सकती है।

म्यांमार के सैन्य नेता मिन आंग ह्लाइंग ने जानकारी दी कि, पिछले हफ्ते आए इस भूंकप में 4,521 लोग घायल हुए हैं और अब तक 441 लोग लापता हैं। सबसे अधिक नुकसान मांडले और राजधानी नेपीडॉ में हुआ है। शुक्रवार दोपहर आए इस भूकंप को दक्षिण-पूर्व एशिया में पिछले 100 वर्षों में सबसे विनाशकारी माना जा रहा है। इससे कई ऐतिहासिक मंदिर, आधुनिक इमारतें और घर ढह गए। बचावकर्मी लगातार मलबे में दबे लोगों को खोजने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सहायता की भारी कमी के चलते मुश्किलें बढ़ रही हैं। कुछ देर के लिए राहत अभियान तब रोकना पड़ा जब लोगों ने मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक मिनट का मौन रखा।

पूरे देश में इमरेंजी के हालात

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए म्यांमार की सैन्य सरकार ने इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है। बचावकर्मी और सहायता संगठनों ने चेतावनी दी है कि सबसे प्रभावित इलाकों में भोजन, पानी और लोगों के रहने की भारी कमी है। सिविल वॉर के कारण भी राहत सामग्री जरूरतमंदों तक पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, मांडले में एक प्रीस्कूल की इमारत गिरने से 50 बच्चों और दो शिक्षकों की मौत हो गई। इसके अलावा, हजारों लोग बेघर हो गए हैं और खुले में रात गुजारने को मजबूर हैं।

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