Myanmar Earthquake: दक्षिण पूर्व एशियाई देश म्यांमार की धरती एक बार फिर से भूकंप (Myanmar EarthQuake News) के तेज झटकों से कांप गई है। इंडियन नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, बुधवार दोपहर 1: 28 बजे म्यांमार में 4.3 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। NCS डेटा के मुताबिक, यह भूकंप 30 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप का केंद्र म्यांमार के श्वेबो शहर से लगभग 32 किलोमीटर दूर उत्तर पूर्व में स्थित पाया गया है। इससे पहले 28 मार्च को आए 7.5 तीव्रता के घातक भूकंप के बाद म्मांमार में यह ताजा झटका आया है।
म्यांमार और थाईलैंड में 28 मार्च को आए तीव्र भूकंपों के कारण हजारों लोगों की जान चली गई है। साथ ही काफी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। न्यूज एजेंसी 'रॉयटर्स' के अनुसार, म्यांमार की सैन्य सरकार ने कहा कि बचाव अभियान जारी है। मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,654 हो गई है और 5,017 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। कथित तौर पर लगभग 148 लोग लापता भी हैं।
संयुक्त राष्ट्र (UN) के एक अधिकारी ने कहा है कि म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद मानवीय सहायता प्रदान करने में भारत एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है। म्यांमार में मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के प्रमुख सज्जाद मोहम्मद साजिद ने पीटीआई के साथ एक इंटरन्यू में 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत संसाधनों की तीव्र तैनाती के लिए भारत की प्रशंसा की।
इसके तहत आपदा के कुछ दिनों के भीतर खाद्य, मेडिकल आपूर्ति और फील्ड अस्पताल सहायता सहित 1,000 मीट्रिक टन से अधिक मानवीय सहायता पहुंचाई गई। म्यांमार में 28 मार्च को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था।
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों का अनुमान है कि एक करोड़ 70 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 90 लोगों ने सबसे तीव्र भूकंप का अनुभव किया। इस आपदा से म्यांमा के 330 नगरों में से 58 में बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। इससे आंतरिक संघर्ष और क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों तथा एयरपोर्ट जैसी रसद संबंधी बाधाओं से उत्पन्न मौजूदा चुनौतियां और भी बढ़ गई हैं।
भूकंप प्रभावित म्यांमार में राहत और बचाव कार्य के लिए भारत द्वारा भेजी गई राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम 67 शवों को निकालने के बाद वापस लौट आई है। भारतीय के कार्य की दुनियाभर में सराहना हो रही है।