नेपाल में गुरुवार को फिर से प्रदर्शन भड़क उठे। यह टकराव Gen-Z के युवाओं और पूर्व सत्ताधारी पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (UML) के समर्थकों के बीच हुआ। स्थिति बिगड़ने पर प्रशासन ने लाठीचार्ज किया और भारत सीमा से लगे बारा जिले के सिमरा में कर्फ्यू लगा दिया।
Gen-Z के प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पुलिस ने बुधवार को हुए झगड़े में नामजद लोगों को समय पर गिरफ्तार नहीं किया। इसके बाद पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया।
काठमांडू टाइम्स के अनुसार, हटाए गए प्रधानमंत्री केपी ओली की पार्टी UML ने बुधवार को सिमरा में “यूथ अवेकनिंग कैंपेन” करने की योजना बनाई थी। सोशल मीडिया पर Gen-Z समूहों ने इसके खिलाफ विरोध की अपील की, जिसकी वजह से सुरक्षा बढ़ाई गई थी।
Gen-Z समूह के बारा जिला संयोजक सम्राट उपाध्याय ने सोशल मीडिया पर युवाओं से अपील की कि वे “निकलती हुई हत्यारी सरकार” के खिलाफ विरोध करें। यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गया और UML समर्थकों में नाराजगी पैदा हुई।
करीब 150 युवा सिमरा चौक पर UML के केंद्रीय नेता महेश बस्नेत के आने के विरोध में इकट्ठा हुए।
बस्नेत पहले भी कई विवादों में रह चुके हैं। स्थानीय मीडिया ने दावा किया था कि उन्होंने एक वेबसाइट के संपादक टेकमान शाक्य को मौत की धमकी भी दी थी। बस्नेत के स्वागत के लिए जमा UML कार्यकर्ताओं और Gen-Z युवाओं के बीच बहस शुरू हुई, जो बाद में झड़प में बदल गई। यह झगड़ा सिमरा एयरपोर्ट से करीब 200 मीटर दूर हुआ।
उपाध्याय ने बताया कि कई युवाओं को चोटें आईं और UML कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया।
वहीं UML के प्रांतीय सचिव मनोज पौडेल ने कहा कि “हमें नहीं पता पहले किसने हमला किया। लेकिन Gen Z प्रदर्शनकारियों ने हमारा कार्यक्रम रोकने की कोशिश की, जिससे तनाव बढ़ा। हमने उनसे पहले भी कहा था कि उसी दिन विरोध न करें।”
झड़प के दौरान एयरपोर्ट की एक पैनल टूट गई और संचालन थोड़े समय के लिए रोकना पड़ा।
गुरुवार को क्यों बढ़ा तनाव?
गुरुवार को छह Gen Z कार्यकर्ताओं के घायल होने की शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत में UML के छह कार्यकर्ताओं के नाम थे। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया और सिमरा में कर्फ्यू लागू कर दिया।
लेकिन Gen Z कार्यकर्ता गिरफ्तारी कम होने से नाराज थे। इसलिए वे गुरुवार सुबह 11 बजे से सड़क पर उतर आए। पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए बल प्रयोग किया और 12:45 बजे से शाम 8 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया।