Ram Mandir in Trinidad and Tobago: कैरेबियाई सागर में स्थित छोटा, लेकिन सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश त्रिनिदाद और टोबैगो अब दुनिया के नक्शे पर एक नए धार्मिक केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाने जा रहा है। राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में एक भव्य राम मंदिर के निर्माण की तैयारी तेज हो गई है, जिसे सरकार की तरफ से मंजूरी मिल चुकी है। यह पहल कैरेबियाई क्षेत्र में हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति को नई ऊंचाईयों पर ले जाने का एक बड़ा कदम है।
त्रिनिदाद और टोबैगो को क्यों कहा जाता है 'रामायण कंट्री'?
करीब 15 लाख की कुल आबादी वाले इस जुड़वां द्वीप राष्ट्र में साढ़े तीन लाख से अधिक हिंदू निवास करते हैं। यह अमेरिका महाद्वीप के उन चुनिंदा देशों में से एक है, जहां हिंदू धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएं राष्ट्रीय जीवन में गहरी रची-बसी हैं। यही कारण है कि त्रिनिदाद और टोबैगो को लंबे समय से 'रामायण कंट्री' के रूप में जाना जाता रहा है, जहां भारतीय संस्कृति की जड़ें मजबूत है।
सरकार का है 'मिनी अयोध्या' बनाने का विजन
पब्लिक यूटिलिटीज मंत्री बैरी पदरथ ने इस परियोजना को सिर्फ एक धार्मिक पहल के बजाय एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में आगे बढ़ाने के लिए सरकार के मजबूत समर्थन की घोषणा की है। मंत्री पदरथ ने कहा कि देश सदियों से भारतीय परंपराओं को जीवित रखे हुए है और सरकार इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
अमेरिका स्थित ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ राम मंदिर संगठन के संस्थापक प्रेम भंडारी ने प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर के सामने देश में एक 'अयोध्या नगरी' स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्तावित केंद्र का उद्देश्य उन उत्तर अमेरिकी और कैरेबियाई श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र बनना है जो भारत में अयोध्या जाने में सक्षम नहीं हैं। इसे एक 'मिनी अयोध्या' के रूप में विकसित किया जाएगा।
दीपावली पर मिली थी राम लला की विशेष सौगात
राम मंदिर निर्माण की यह घोषणा देश में हिंदू आस्था की मजबूत उपस्थिति के बीच आई है। मई 2025 में अयोध्या के राम लला की एक प्रतिकृति का यह अनावरण किया गया था। प्रेम भंडारी और अयोध्या श्रीराम ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष अमित आलाघ के संयुक्त प्रयास से हुए इस भव्य आयोजन में 10,000 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए थे।
मंदिर निर्माण की घोषणा उस समय की गई जब पूरा देश 20 अक्टूबर को दीपावली का त्योहार मना रहा था। त्रिनिदाद और टोबैगो में भी यह अवसर बड़े उत्साह से मनाया जाता है और यह राष्ट्रीय अवकाश होता है। यह भव्य मंदिर परियोजना कैरेबियाई द्वीप राष्ट्र को वैश्विक हिंदू प्रवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गंतव्य बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।