Japan PM Sanae Takaichi: जापान में आखिरकार पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। चीन की कड़ी आलोचक मानी जाने वाली साने ताकाइची ने शनिवार को सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) का नेतृत्व चुनाव जीत लिया है। जीत के साथ ही 64 वर्षीय कट्टर रूढ़िवादी नेता ताकाइची का जापान की अगली प्रधानमंत्री बनना लगभग तय हो गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संसद द्वारा उनकी नियुक्ति को 13 अक्टूबर तक मंजूरी दी जा सकती है।
ताकाइची की जीत से LDP में बढ़ी चुनौती
ताकाइची ने पूर्व प्रधानमंत्री के बेटे, शिंजिरो कोइज़ुमी को रन-ऑफ वोट में हराकर LDP अध्यक्ष का चुनाव जीता। ताकाइची ने सत्तारूढ़ पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइजुमी के बेटे और पर्यावरण मंत्री शिंजिरो कोइजुमी को हराया है। कोइजुमी को जापान के सबसे उदारवादी नेताओं में से एक माना जाता है। ताकाइची और कोइज़ुमी के बीच रन-ऑफ तब हुआ जब उदारवादी योशिमासा हयाशी सहित दो अन्य उम्मीदवार बाहर हो गए।
साने ताकाइची के सामने अब कई जटिल मुद्दे हैं, जिनमें बूढ़ी आबादी, भू-राजनीतिक उथल-पुथल, लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था और आप्रवासन को लेकर बढ़ती बेचैनी शामिल है। सबसे पहले उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि 1955 से लगभग लगातार शासन करने वाली LDP फिर से मतदाताओं को एकजुट कर सके। कोइज़ुमी ने अपने अभियान में पार्टी की स्थिति को 'संकट' बताते हुए कहा था कि 'LDP को विश्वास हासिल करना होगा, और हमें नई शुरुआत के लिए बदलाव की जरूरत है।'
जापान में हाल ही में सेंसेइतो नामक एक नई आप्रवासन विरोधी पार्टी उभरकर आई है, जो आप्रवासन को 'खामोश आक्रमण' बताती है। ताकाइची और कोइज़ुमी दोनों ने LDP अभियान में सेंसेइतो के संदेश से आकर्षित मतदाताओं को अपील करने की कोशिश की है। ताकाइची ने कहा कि जापान को 'पूरी तरह से अलग संस्कृति और पृष्ठभूमि वाले लोगों को अनुमति देने वाली नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए।'
कोइज़ुमी ने भी इसी बात को दोहराते हुए कहा था कि 'विदेशियों का अवैध रोजगार और सार्वजनिक सुरक्षा का बिगड़ना स्थानीय निवासियों में चिंता पैदा कर रहा है।'
जापान में मुख्यधारा के राजनेताओं से इस तरह की आप्रवासी विरोधी बयानबाजी दुर्लभ है, जहां विदेश में जन्मे लोग आबादी का केवल तीन प्रतिशत हैं।
आर्थिक और लैंगिक समानता पर ये है दृष्टिकोण
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर ताकाइची ने अतीत में आक्रामक मौद्रिक ढील और बड़े राजकोषीय खर्च का समर्थन किया है, जो उनके मेंटर, पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की नीतियों की याद दिलाता है। हालांकि, उन्होंने प्रचार के दौरान अपने रुख को थोड़ा नरम किया है, और चीन पर भी अधिक उदारवादी रुख अपनाया है।
LDP के रूढ़िवादी विंग से आने वाली ताकाइची को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की है। तोकाई विश्वविद्यालय की प्रोफेसर यूकी त्सूजी ने कहा कि ताकाइची को 'महिलाओं के अधिकारों या लैंगिक समानता की नीतियों में कोई दिलचस्पी नहीं है।' भले ही जापान में पहली बार कोई महिला नेतृत्व कर रही हो, लेकिन ताकाइची के सत्ता में आने से देश की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और सामाजिक नीतियों में बड़े बदलाव की उम्मीद है, खासकर चीन और अमेरिका के साथ व्यापार और सुरक्षा तनाव के बीच।