SCO Summit: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार (27 जून) को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डॉन जून से मुलाकात की। राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि दोनों रक्षा मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री जून को बिहार की एक मधुबनी पेंटिंग भी भेंट की। मधुबनी बिहार के मिथिला क्षेत्र की पारंपरिक कला है। ANI के अनुसार, इस पेंटिंग की उत्पत्ति बिहार के मिथिला क्षेत्र में हुई है। इसे मिथिला या मधुबनी कला के रूप में भी जाना जाता है। इसकी विशेषता चमकीले रंगों और विरोधाभासों या पैटर्न से भरी रेखा चित्र हैं।
रक्षा मंत्री ने X पर पोस्ट किया, "किंगदाओ में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डॉन जून के साथ बातचीत की। हमने द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित मुद्दों पर रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान किया। लगभग 6 वर्षों के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर अपनी खुशी व्यक्त की। दोनों पक्षों के लिए यह आवश्यक है कि वे इस सकारात्मक गति को बनाए रखें और द्विपक्षीय संबंधों में नई जटिलताओं को जोड़ने से बचें।"
इससे पहले गुरुवार को राजनाथ सिंह ने बेलारूस के अपने समकक्ष विक्टर ख्रेनिन के साथ वार्ता की, जिसमें द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। यह बैठक चीन के इस शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान हुई। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने नई दिल्ली में बताया कि सिंह की ख्रेनिन के साथ वार्ता रक्षा सहयोग को मजबूत करने और क्षेत्रीय सुरक्षा बढ़ाने पर केंद्रित रही।
सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, "चिंगदाओ में बेलारूस के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल विक्टर ख्रेनिन के साथ काफी सार्थक बातचीत हुई।" भारतीय रक्षा मंत्री एससीओ सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार को चीन के इस बंदरगाह शहर पहुंचे। सिंह ने रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसो के साथ भी बैठक की, जिसमें उभरते क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य और द्विपक्षीय रक्षा एवं रणनीतिक संबंधों पर चर्चा हुई।
राजनाथ सिंह ने पहलगाम आतंकी हमले को नजरअंदाज करने और सीमा पार से होने वाले पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के प्रति भारत की चिंताओं पर कदम नहीं उठाने को लेकर गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में सिंह ने इस आतंकी हमले को वक्तव्य में शामिल करने की मांग की। जबकि पाकिस्तानी पक्ष ने बलूचिस्तान में चरमपंथी गतिविधियों पर एक पैराग्राफ शामिल करने पर जोर दिया, जो स्पष्ट रूप से भारत पर आरोप लगाने का प्रयास था।
उन्होंने कहा कि एससीओ सर्वसम्मति के तहत काम करता है। सूत्रों ने कहा कि मसौदा वक्तव्य में न तो पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र था और न ही सीमा पार से होने वाले आतंकवाद पर भारत के रुख को दर्शाया गया था। इससे एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर नयी दिल्ली का रुख कमजोर पड़ जाता।
सम्मेलन में अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने आतंकवादी समूहों को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा। सिंह ने सीमापार से होने वाले आतंकवाद सहित आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वालों, इसकी साजिश रचने वालों और फंड करने वालों को जवाबदेह ठहराने की अपील की।