Tariff War: ट्रेड डील की डेडलाइन बीतने से कुछ दिन पहले आखिरकार अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) के बीच शुरुआती कारोबारी डील हो ही गई। अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच इस समझौते पर बात बनी है कि यूरोपीय यूनियन के अधिकतर निर्यात पर 15% का टैरिफ लगाया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्कॉटलैंड में ईयू की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन (Ursula von der Leyen) के साथ हुई बैठक के बाद समझौते का ऐलान किया है। समझौते के तहत कुछ चीजों पर टैरिफ पूरी तरह खत्म कर दिया गया है तो कुछ पर 50% टैरिफ बना रहेगा। हालांकि यूरोपीय यूनियन से अमेरिका को निर्यात होने वाली अधिकतर चीजों पर 15% का ही बेस टैरिफ लगेगा।
US-EU Trade Deal: क्या है सौदे की खास बातें?
अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच जो कारोबारी सौदा हुआ है, उसके मुताबिक अब अधिकतर चीजों के ईयू से अमेरिका को निर्यात पर 15% का बेस टैरिफ लगेगा। पहले तो ईयू की प्रेसिडेंट उर्सूला ने ऐलान किया कि इस समझौते में सभी चीजें शामिल हैं लेकिन बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि इसमें दवाईयां और मेटल शामिल नहीं हैं। ऐसे में इन पर 50% की दर से टैरिफ जारी रहेगा। स्टील और एल्युमीनियम पर 50% की दर से टैरिफ लगता रहेगा। ट्रंप ने कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा सौदा है। वहीं ईयू की प्रेसिडेंट का कहना है कि इस सौदे से स्थिरता आएगी।
अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच हुए कारोबारी सौदे के तहत यूरोपीय संघ अगले तीन वर्षों में अमेरिका से करीब $75 हजार (करीब ₹64.85 लाख करोड़) की एनर्जी खरीदेगा। इसके अलावा यूरोपीय संघ ने अमेरिका में करीब $60 हजार करोड़ (करीब ₹51.88 लाख करोड़) के निवेश पर हामी भरी है। यह निवेश अमेरिका के फार्मा, ऑटो और डिफेंस सेक्टर में होगा। यूरोपीय संघ ने बड़े पैमाने पर सैन्य हथियारों की खरीदारी पर भी हामी भरी है।