Russia-Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले वाले रुख से बड़ा बदलाव दिखाते हुए मंगलवार को कहा कि अब उन्हें विश्वास है कि यूरोपीय संघ और नाटो के समर्थन से यूक्रेन लड़कर जीत सकता है और अपना देश पहले जैसा वापस पा सकता है। यह बयान उस वक्त आया जब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान ट्रंप से मुलाकात की। जेलेंस्की ने इस दौरान दावा किया कि भारत “अधिकतर हमारे साथ है”।
अमेरिका, भारत पर बना रहा दबाव
अमेरिका लगातार भारत पर दबाव डाल रहा है कि वह रूस से तेल खरीदना बंद करे, क्योंकि उसका मानना है कि इससे मास्को के युद्ध को आर्थिक मदद मिल रही है। वहीं भारत की ओर से यह साफ नहीं किया गया है कि वह यूक्रेन का समर्थन कर रहा है या नहीं। वहीं, फ़िनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब ने कहा कि भारत यूरोपीय संघ और अमेरिका का करीबी सहयोगी है, लेकिन रूस और चीन के साथ उसे जोड़ना सही नहीं होगा। उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में कहा, "हम भारत को रूस और चीन की श्रेणी में नहीं रख सकते। भारत से जुड़ना बेहद ज़रूरी है।" स्टब ने भारत को "उभरती हुई महाशक्ति" भी बताया।
रूस को बताया काजगी शेर
भारत को पश्चिमी देशों के करीब लाने की कोशिशें ऐसे वक्त में हो रही हैं जब डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मास्को के साढ़े तीन साल लंबे युद्ध को “निरर्थक” बताया और रूस को “कागजी शेर” कहा। ट्रंप ने यह भी कहा कि रूस के नागरिक आर्थिक तंगी और मुश्किल हालात झेल रहे हैं। नाटो देशों को अपने हवाई क्षेत्र में घुसने वाले रूसी विमानों को मार गिराने की अनुमति देने के कुछ ही घंटे बाद ट्रंप ने लिखा, “मेरा मानना है कि यूक्रेन, यूरोपीय संघ के समर्थन से अपने देश को उसके मूल रूप में वापस पा सकेगा और शायद उससे भी आगे बढ़े।”
रूसी विमानों को मार गिराने का आदेश
ट्रंप का यह बयान नाटो देशों को अपने हवाई क्षेत्र में घुसने वाले रूसी विमानों को मार गिराने की अनुमति मिलने के कुछ ही घंटों बाद आया। यह रुख उनके पहले वाले नरम रुख़ से बिल्कुल अलग है, जब उन्होंने कहा था कि संघर्ष खत्म करने के लिए यूक्रेन को कुछ जमीन छोड़नी पड़ सकती है। अलास्का में हाल ही में व्लादिमीर पुतिन की मेजबानी करने के बाद ट्रंप अब रूस से नाराज़गी दिखा रहे हैं। उन्होंने शांति वार्ता में प्रगति न होने पर निराशा जताई और अपने नए पोस्ट में रूस की नाकामी का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि मास्को युद्ध खत्म करने में नाकाम रहा है। ट्रंप ने तंज भरे लहजे में कहा, “रूस साढ़े तीन साल से बिना किसी मकसद के लड़ रहा है। असली सैन्य ताकत होती तो यह युद्ध एक हफ़्ते से भी कम में खत्म हो जाता। यह रूस को मजबूत नहीं, बल्कि कमजोर दिखा रहा है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रूस बातचीत के लिए तैयार नहीं हुआ तो उस पर “कड़े टैरिफ की नई सज़ा” लगाई जाएगी।
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